ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का एक बयान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'फाइनल' चेतावनी ने गाजा में चल रहे युद्ध को लेकर अनिश्चितता और बढ़ा दी है. इजरायल गाजा पर पूर्ण कब्जे की तैयारी में है और फिलिस्तीनियों के शहर में भीषण हमले कर रहा है. इसे लेकर हो रही अंतरराष्ट्रीय आलोचना को दरकिनार करते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि आलोचनाओं का उनपर असर नहीं होता और वो जीत को चुनेंगे.
रविवार को नेतन्याहू ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके, इजरायल युद्ध में जीत हासिल करेगा जिससे चुनौती खत्म होगी.
उन्होंने कहा, 'अगर मुझे अपने दुश्मनों पर जीत और हमारे खिलाफ प्रोपेगैंडा के बीच किसी एक को चुनना पड़े, तो मैं अपने दुश्मनों पर जीत को चुनूंगा. मैं नहीं चाहता कि हमारे बारे में ऐसे आर्टिकल्स छपे जिसमें कहा जाए कि हम दुश्मनों से हार गए लेकिन दुनिया की मीडिया में हमारे लिए अच्छी श्रद्धांजलियां छपे. मैं जीत को चुनता हूं.'
नेतन्याहू की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था, 'इजरायल भले ही गाजा में युद्ध जीत रहा है लेकिन वो पब्लिक रिलेशन्स में हार रहा है.'
इजरायली हमले में गाजा में हो रही भारी तबाही
ट्रंप ने यह टिप्पणी गाजा में हो रही जान-माल की भारी तबाही को देखते हुए की थी. इजरायल के युद्ध में अब तक 64,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान गई है जिसमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं.
इजरायल ने गाजा पर हमले अक्टूबर 2023 से शुरू किए थे जब उसी महीने की 7 तारीख को फिलिस्तीनी संगठन हमास, जिसे इजरायल और अमेरिका आतंकी संगठन कहते हैं, ने इजरायल पर हमला कर कम से कम 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 251 लोग बंधक बना लिए गए थे.
इस हमले के बाद इजरायल के जवाबी हमलों से गाजा पूरी तरह तबाह हो चुका है और लाखों लोग विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की हंगर मॉनिटर एजेंसी ने पिछले हफ्ते ही गाजा को अकालग्रस्त घोषित किया था. दुनिया के कई देशों और मानवाधिकार संगठनों ने इजरायल पर गाजा में नरसंहार के आरोप लगाए हैं.
लेकिन इन सब आलोचनाओं से बेखबर इजरायल गाजा में हमले जारी रखे हुए हैं. इसकी एक बड़ी वजह है-अमेरिका का उसे समर्थन देना.
अमेरिका इस पूरे युद्ध के दौरान हमेशा की तरह इजरायल का समर्थन करता आया है. इसी क्रम में ट्रंप ने हमास को 'फाइनल' चेतावनी दी है.
हमास को ट्रंप की फाइनल चेतावनी
राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर किए गए एक पोस्ट में हमास को फाइनल चेतावनी दी है और कहा है कि अगर हमास जंग खत्म करने को तैयार नहीं होता तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
उन्होंने कहा, 'सभी लोग चाहते हैं कि बंधक वापस घर लौट आएं, सभी चाहते हैं कि ये जंग खत्म हो. इजरायलियों ने मेरी शर्तें मान ली है और अब समय आ गया है कि हमास भी इसे मान ले. मैंने हमास को बता दिया है कि इस ऑफर को न मानने के क्या नतीजे हो सकते हैं. ये मेरी अंतिम चेतावनी है, इसके बाद कोई चेतावनी नहीं होगी.'
ट्रंप की इस चेतावनी पर हमास की प्रतिक्रिया भी आ गई है. हमास ने कहा है कि वो युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत को तैयार है. एक बयान में हमास ने कहा, 'हम युद्ध समाप्त करने की स्पष्ट घोषणा, गाजा पट्टी से पूरी तरह से सैनिकों की वापसी और गाजा पट्टी को चलाने के लिए स्वतंत्र फिलिस्तीनियों की एक समिति के गठन के बदले सभी कैदियों की रिहाई पर बातचीत के लिए तैयार हैं.'
बयान में आगे कहा गया, 'हमास ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करता है जो हमारे लोगों के खिलाफ आक्रामकता को रोकने की कोशिशों में मदद करे.'
ट्रंप की चेतावनी और ईरान की एंट्री...
रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा के मुद्दे पर कैबिनेट मेंबर्स से मुलाकात की जिसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का एक बयान सामने आया. खामेनेई ने सभी मुस्लिम बहुल देशों से अपील की कि वो इजरायल के साथ अपने व्यापारिक और राजनीतिक रिश्ते खत्म कर दें ताकि उसके विनाशकारी अपराधों का मुकाबला किया जा सके. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में इजरायल को साथ किसी भी तरह का सहयोग अस्वीकार्य है.
खामेनेई ने कहा कि मुस्लिम दुनिया को एकजुट और मजबूत रुख अपनाना चाहिए और कूटनीतिक और आर्थिक तरीकों से इजरायल पर दबाव डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापार और राजनीतिक रिश्ते खत्म करना, फिलिस्तीनी मुद्दे का समर्थन करने और पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने की जरूरी पहल है.
खामेनेई ने साफ किया कि अगर इस मुद्दे पर कोई चुप रहता है तो इसे निष्क्रियता माना जाएगा. ईरानी सुप्रीम लीडर ने कहा, 'इजरायल बड़े अपराध और हैरान कर देने वाली तबाही को बिना शर्म अंजाम दे रहा है. भले ही ये अपराध अमेरिका जैसे ताकतवर देश के समर्थन से हो रहे हों, लेकिन इसका मुकाबला करने का रास्ता बंद नहीं हुआ है.'
नेतन्याहू का पूरे गाजा पर कब्जा करने का प्लान, खामेनेई का बयान और ट्रंप की ताजा चेतावनी को देखकर लग नहीं रहा कि गाजा में युद्ध रुकने वाला है. इजरायल अगर अपने गाजा प्लान से पीछे नहीं हटता और अगर ईरान इसमें शामिल हो गया तो एक बार फिर दोनों देशों में संघर्ष बढ़ने की आशंका है. ऐसे में गाजा का युद्ध और विस्तारित ही होगा.
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