नासा ने मंगल पर खोजा जीवन के प्राचीन संकेत, लाल ग्रह पर पहले थी जिंदगी...

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नासा के परसिवियरेंस मार्स रोवर ने मंगल ग्रह पर एक ऐसी खोज की है, जो हमें वहां प्राचीन जीवन के सबसे करीब ले जाती है. जेजेरो क्रेटर में एक चट्टान से लिया गया ‘सैफायर कैन्यन’ नमूना प्राचीन सूक्ष्मजीवों (माइक्रोबियल लाइफ) के संकेत देता है. यह खोज 10 सितंबर 2025 को ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित हुई.

क्या है सैफायर कैन्यन?

जुलाई 2024 में परसिवियरेंस रोवर ने मंगल के जेजेरो क्रेटर में ‘ब्राइट एंजल’ क्षेत्र की एक चट्टान से नमूना लिया. इस चट्टान का नाम ‘चेयावा फॉल्स’ रखा गया. नमूने का नाम ‘सैफायर कैन्यन’ है. यह चट्टान नेरेटवा वैलिस नामक एक प्राचीन नदी घाटी में मिली, जो कभी पानी से भरी थी. इस नमूने में ‘बायोसिग्नेचर’ के संकेत मिले हैं, यानी ऐसी चीजें जो जीवन से जुड़ी हो सकती हैं. हालांकि, यह पक्का करने के लिए और शोध की जरूरत है.

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बायोसिग्नेचर क्या हैं?

बायोसिग्नेचर वे पदार्थ या संरचनाएं हैं, जो शायद जीवन से बनी हों, लेकिन यह पक्का करने के लिए और डेटा चाहिए. सैफायर कैन्यन में रंग-बिरंगे धब्बे मिले, जिन्हें वैज्ञानिकों ने ‘लेपर्ड स्पॉट्स’ और ‘पॉपी सीड्स’ का नाम दिया. इनमें कार्बन, सल्फर, आयरन और फॉस्फोरस जैसे रसायन मिले, जो पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवों के लिए ऊर्जा का स्रोत हो सकते हैं.

रोवर के PIXL और SHERLOC उपकरणों ने इन धब्बों में विशेष खनिज पाए, जैसे विवियनाइट (आयरन फॉस्फेट) और ग्रीगाइट (आयरन सल्फाइड). पृथ्वी पर ये खनिज अक्सर सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों से बनते हैं, जैसे दलदल या झीलों में. लेकिन यह भी संभव है कि ये बिना जीवन के रासायनिक प्रक्रियाओं से बने हों.

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क्यों है यह खोज खास?

नासा के वैज्ञानिक जोएल हुरोविट्ज ने बताया कि ब्राइट एंजल में मिले रसायन सूक्ष्मजीवों के लिए ऊर्जा का अच्छा स्रोत हो सकते थे. लेकिन हमें यह समझना था कि क्या ये वाकई जीवन के संकेत हैं. यह खोज इसलिए खास है क्योंकि...

  • प्राचीन झील का सबूत: जेजेरो क्रेटर 3.5 अरब साल पहले एक झील था, जहां नदियां पानी लाती थीं. ऐसी जगहें सूक्ष्मजीवों के लिए उपयुक्त होती हैं. सैफायर कैन्यन की चट्टानें मिट्टी और गाद (क्ले और सिल्ट) से बनी हैं, जो पृथ्वी पर जीवन की मौजूदगी बताती है.  
  • नए समय का संकेत: पहले वैज्ञानिकों को लगता था कि मंगल पर जीवन के निशान बहुत पुरानी चट्टानों में मिलेंगे. लेकिन ब्राइट एंजल की चट्टानें अपेक्षाकृत नई हैं, जिससे पता चलता है कि मंगल पर जीवन देर तक संभव रहा होगा.
  • सबसे मजबूत संकेत: नासा के कार्यकारी प्रशासक सीन डफी ने कहा कि यह मंगल पर जीवन की खोज का अब तक का सबसे करीबी कदम है. यह खोज मंगल के इतिहास को समझने में मदद करेगी.

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कैसे हुई यह खोज?

परसिवियरेंस रोवर फरवरी 2021 में जेजेरो क्रेटर में उतरा था. इसका मिशन मंगल पर प्राचीन जीवन के निशान ढूंढना और नमूने इकट्ठा करना है. चेयावा फॉल्स, जो 1 मीटर लंबी और 0.6 मीटर चौड़ी तीर के आकार की चट्टान है, जुलाई 2024 में मिली. रोवर ने अपने उपकरणों से इसकी जांच की और रंग-बिरंगे धब्बे पाए.

इन धब्बों में रासायनिक प्रतिक्रियाओं (रेडॉक्स रिएक्शन) के निशान मिले, जो जीवन से जुड़े हो सकते हैं. रोवर ने अब तक 27 चट्टान नमूने इकट्ठे किए हैं, जिनमें सैफायर कैन्यन सबसे खास है. ये नमूने भविष्य में पृथ्वी पर लाए जाएंगे ताकि और गहराई से जांच हो सके.

 NASA Mars life

क्या यह पक्का है कि मंगल पर जीवन था?

नहीं, यह खोज पक्का सबूत नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये धब्बे और खनिज बिना जीवन के भी बन सकते हैं, जैसे उच्च तापमान या अम्लीय परिस्थितियों में. लेकिन ब्राइट एंजल की चट्टानों में ऐसे हालात के सबूत नहीं मिले, इसलिए जीवन की संभावना मजबूत है. नासा की वैज्ञानिक केटी स्टैक मॉर्गन ने कहा कि जीवन से जुड़े दावों के लिए असाधारण सबूत चाहिए. यह एक संभावित बायोसिग्नेचर है, लेकिन पक्का करने के लिए पृथ्वी पर और जांच जरूरी है.

आगे क्या होगा?

सैफायर कैन्यन नमूना मंगल से पृथ्वी पर लाने की योजना है, लेकिन यह आसान नहीं है. नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की मार्स सैंपल रिटर्न योजना 2030 के दशक में नमूने लाने की कोशिश करेगी. लेकिन अमेरिकी सरकार के 2026 बजट प्रस्ताव में इस मिशन के लिए फंडिंग कटौती की बात है, जिससे देरी हो सकती है.

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पृथ्वी पर लाए गए नमूनों की जांच से वैज्ञानिक यह पक्का कर पाएंगे कि ये निशान जीवन से बने हैं या नहीं. वैज्ञानिक पृथ्वी पर प्रयोगशालाओं में इन रासायनिक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करेंगे ताकि यह समझ सकें कि ये बिना जीवन के बन सकते हैं या नहीं.

मंगल पर जीवन की संभावना क्यों महत्वपूर्ण है?

यह खोज इसलिए अहम है क्योंकि यह हमें बताती है कि मंगल पर अरबों साल पहले पानी और ऐसी परिस्थितियां थीं, जो जीवन के लिए उपयुक्त थीं. अगर मंगल पर सूक्ष्मजीव थे, तो यह सौरमंडल में जीवन की संभावना को और मजबूत करता है. यह भविष्य में मंगल पर मानव मिशन की योजना बनाने में मदद करेगा. नासा का लक्ष्य मंगल पर मानव भेजना भी है. परसिवियरेंस मौसम और अंतरिक्ष यात्री सूट के लिए डेटा इकट्ठा कर रहा है.

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