अमेरिका स्थित अर्थ इमेजिंग कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज (Maxar Technologies) द्वारा जारी हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों ने ईरान के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लायन द्वारा की गई तबाही के मंजर के सुबूत पेश किए हैं. यह ईरान के परमाणु हथियारों के खतरे को कम करने के लिए एक टारगेटेड मिलिट्री ऑपरेशन था.
इजरायल ने तीसरे दिन भी ईरान में कई जगहों पर हमला जारी रखा, जिसके जवाब में जवाबी हमले किए गए.
मैक्सार से हाल ही में जारी की गई सैटेलाइट इमेजरी, नतांज़, इस्फ़हान और तेहरान और पिरानशहर में अन्य रणनीतिक जगहों में ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं के बाद की स्थिति का अब तक का सबसे साफ दृश्य पेश करती हैं.
इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी (ISIS) के विश्लेषण के मुताबिक, नतांज़ में पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र और एक विद्युत सबस्टेशन को नुकसान देखा जा सकता है.
शुक्रवार को, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख, राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि "पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र का ऊपरी हिस्सा, जहां ईरान 60% यू-235 तक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहा था, नष्ट हो गया है." यूरेनियम-235 परमाणु ऊर्जा स्टेशनों और परमाणु हथियारों दोनों के लिए जरूरी है.
ऑप्टिकल सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि इस्फ़हान में करीब दो इमारतों को नुकसान पहुंचा है. IAEA ने कहा है कि नतांज़ या इस्फ़हान में 'ऑफ-साइट रेडिएशन में कोई बढ़ोतरी' दर्ज नहीं की गई है.
मैक्सार से मिली सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चलता है कि तेहरान के पास ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ग़दीर बैलिस्टिक मिसाइल बेस की एक संरचना को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, पश्चिमी अज़रबैजान प्रांत के पिरानशहर में आईआरजीसी रडार साइट को भी काफी नुकसान पहुंचा है.