पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल 27 अगस्त यानी कल से गणेशोत्सव का शुभारंभ हो रहा है. इस दिन बहुत से लोग घर में गणपति जी की स्थापना करते हैं. ऐसे में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है. (Photo Credit: Pexels)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जितनी महत्वपूर्ण भगवान गणेश की मूर्ति होती है, उतना ही महत्व भगवान गणेश की मूर्ति के रंग का होता है. आइए जानते हैं कि अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए किस रंग के गणपति की स्थापना करना उत्तम होता है. (Photo Credit: Pexels)
पीले रंग के गणपति को हरिद्रा गणपति के नाम से जाना जाता है, जो कि 6 भुजाधारी होते हैं. इनका रंग हल्दी जैसा होता है. वास्तु के मुताबिक, इनकी स्थापना पूजाघर में की जाती है और इनकी स्थापना से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इस गणपति के घर आने से आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती है. (Photo Credit: Pexels)
लाल रंग के स्वामी मंगल माने जाते हैं, जिन्हें शक्ति का प्रतीक कहा जाता है. लाल रंग के गणपति संकष्टहरण गणपति के नाम से जाने जाते हैं. इनकी स्थापना विशेष रूप से ऑफिस या कार्यक्षेत्र में करना शुभ माना जाता है. (Photo Credit: Pexels)
सफेद रंग के गणपति को शुभ्र गणपति या द्विज गणपति के नाम से जाना जाता है. सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है इसलिए इनको भी बुद्धि, विद्या और शांति का सूचक माना जाता है. छात्रों की स्टडी टेबल पर ऐसे गणपति को रखना शुभ होता है. (Photo Credit: Pexels)
नीले रंग के गणपति को उच्छित गणपति के नाम से जाना जाता है, जो कि चार भुजाधारी होते हैं. इनकी उपासना तंत्र विद्या से जुड़े कर्मकांडों में करना उचित समझा जाता है. (Photo Credit: Pexels)
नीले रंग के गणपति का पूजन शुद्धि और अशुद्धि के लिए भी किया जाता है. इसलिए, इनकी पूजा करने से पहले किसी पंडित या ज्योतिष की राय जरूर लें. (Photo Credit: Pexels)
केसरी रंग के गणपति का पूजन बहुत ही लाभकारी माना जाता है. कहते हैं कि ये रंग भगवान गणेश का सबसे प्रिय है. वहीं वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में केसरी रंग के गणपति की स्थापना करने से जीवन का शुभता का संचार होता है.(Photo Credit: Pexels)