एक तरफ इंडिया से दोस्ती की बात, दूसरी ओर EU को 100% टैरिफ लगाने का मंत्र... आखिर ट्रंप चाहते क्या हैं?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU) से आग्रह किया है कि वो भारत और चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाए ताकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आर्थिक दबाव बढ़ाया जा सके. एक अमेरिकी अधिकारी ने भी कहा है कि हम ऐसा तभी करेंगे जब हमारे यूरोपीय साझेदार हमारे साथ आगे आएंगे. उन्होंने अमेरिका द्वारा संयुक्त दृष्टिकोण अपनाने के संकेत दिए.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी और एक EU राजनयिक ने इस संबंध में जानकारी दी है. यह अनुरोध एक कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए EU के सैन्क्शंस एनवॉय डेविड ओ'सुलिवन और अन्य अधिकारियों को किया गया, जबकि EU प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन में सैन्क्शंस कोऑर्डिनेशन वार्ता कर रहा था. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, हम पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन हम सिर्फ तभी करेंगे जब हमारे यूरोपीय साथी भी हमारे साथ कदम बढ़ाएं.

'हम सब मिलकर टैरिफ लगाएं'

ट्रंप ने बातचीत के दौरान यह योजना स्पष्ट रूप से रखी कि हम सब मिलकर टैरिफ लगाए रखें, जब तक कि चीन रूस से तेल खरीदना बंद ना कर दे. तेल के भेजने के और विकल्प नहीं हैं.

एक EU राजनयिक ने बताया कि वाशिंगटन ने यह भी संकेत दिया कि यदि ब्रसेल्स (यूरोपीय संघ (EU) और नाटो (NATO) जैसे प्रमुख संगठनों के मुख्यालय) भी ऐसा कदम उठाए तो वे भी समान टैरिफ लगाएंगे. 

फिलहाल, इस तरह की रणनीति EU की वर्तमान पॉलिसी से काफी अलग मानी जाएगी, क्योंकि EU रूस को अलग-थलग करने के लिए प्रतिबंधों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, लेकिन टैरिफ नहीं लगाया जा रहा है.

'व्यापार संबंधों को लेकर संवेदनशील मुद्दा'

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय देशों ने भारत और चीन जैसे देशों पर सेकेंडरी सैन्क्शंस लगाने पर भी विचार करना शुरू कर दिया है. हालांकि, व्यापक स्तर पर व्यापार संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है.

चीन और भारत, रूस के प्रमुख तेल खरीदारों में से हैं, जो यूक्रेन पर हमले के बाद मॉस्को के लिए फाइनेंशियल लाइफ लाइन बने हुए हैं. ट्रंप पहले भी दोनों देशों के खिलाफ कठोर टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं और भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का भी ऐलान कर चुके हैं.

हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने मोदी सरकार के साथ व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने की बात भी कही और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि दोनों देश व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने की उम्मीद भी जताई. जानकार कहते हैं कि आने वाले दिनों में इस पर यूरोपीय संघ और भारत-चीन के बीच कैसी बातचीत होती है, यह देखने वाली बात होगी.

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