करोड़ों की विदेशी फंडिंग और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का सपना, छांगुर बाबा के खिलाफ चार्जशीट में चौंकाने वाले खुलासे

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उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने बलरामपुर अवैध धर्मांतरण केस में मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके बेटे महबूब के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. एटीएस की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि छांगुर ने वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची थी. चार्जशीट में 29 गवाहों के बयान शामिल हैं, जिनमें 10 पीड़ित हैं. 

इन गवाहों में वह महिला भी शामिल है जिसने महबूब और उसके सहयोगी नवीन रोहरा पर बलात्कार और छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. बाकी गवाहों में ज्यादातर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं. चार्जशीट के अनुसार, छांगुर और उसके सहयोगियों ने गरीब और कमजोर लोगों को निशाना बनाकर प्रलोभन, धमकी और मानसिक दबाव के जरिए उनका धर्मांतरण कराया. 

एक पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि छांगुर और उसके साथी बार-बार कहते थे कि 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. एक अन्य पीड़िता ने आरोप लगाया कि साड़ी लौटाने के बहाने उसे कमरे में बुलाकर शोषण किया गया और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया. 

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हुई करोड़ों की विदेशी फंडिंग

एटीएस की जांच में पता चला कि छांगुर का सहयोगी नवीन रोहरा, जो पहले दुबई में कारोबार करता था, भारत में धर्मांतरण के मिशन में शामिल हुआ. उसके खातों में विदेश से 16.50 करोड़ रुपये आए, जिनमें से 1.30 करोड़ रुपये छांगुर और महबूब को ट्रांसफर किए गए. इस धन का उपयोग बलरामपुर, बहराइच और आसपास के जिलों में जमीन खरीदने, आलीशान शोरूम, बंगले और लग्जरी गाड़ियां खरीदने में किया गया. गैंग इस्लामिक दावा सेंटर और मदरसे खोलने की तैयारी में था. एटीएस ने 40 से अधिक बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेन-देन का भी खुलासा किया है.

संगठित नेटवर्क और कोडवर्ड 

जांच में सामने आया कि छांगुर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला था. गैंग कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था, जैसे लड़कियों को 'प्रोजेक्ट', ब्रेनवॉश को 'काजल करना' और धर्मांतरण के लिए मुलाकात को 'दीदार कराना' कहते थे. छांगुर ने 'शिजर-ए-तैय्यबा' नाम की पुस्तक के जरिए इस्लाम का प्रचार किया और खुद को पीर बाबा के रूप में पेश किया. 

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प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में छांगुर, नवीन और उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के खिलाफ जांच तेज कर दी है. ईडी ने बलरामपुर में 13.02 करोड़ रुपये की 13 संपत्तियों को जब्त किया है, जो नीतू के नाम पर थीं. जांच में दुबई की यूनाइटेड मरीन कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. ईडी जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है.

छांगुर और उसके सहयोगियों के खिलाफ आजमगढ़ के देवगांव थाने में 25 मई 2023 को अवैध धर्मांतरण का मामला दर्ज हुआ था. यूपी पुलिस ने छांगुर पर 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था. एटीएस ने 5 जुलाई 2025 को छांगुर और नीतू को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया था, जबकि महबूब और नवीन को 8 अप्रैल को पकड़ा गया था. 

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