ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने मुस्लिम बहुल देशों समेत सभी राष्ट्रों से अपील की है कि वे इजरायल के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंध तोड़कर उसके 'विनाशकारी अपराधों' का मुकाबला करें. उन्होंने कहा कि 'ज़ायोनी शासन' अमेरिका के समर्थन से भीषण तबाही मचा रहा है और चुप्पी या निष्क्रियता को साझेदारी माना जाएगा.
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खामेनेई ने कहा कि मुस्लिम देशों को एकजुट होकर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाना चाहिए. (File Photo: Reuters)
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने सभी देशों, खासकर मुस्लिम बहुल देशों से अपील की है कि वे इजरायल के साथ अपने कमर्शियल और राजनीतिक संबंध खत्म कर दें, ताकि उसके 'विनाशकारी अपराधों' का मुकाबला किया जा सके. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में 'ज़ायोनी शासन' के साथ किसी भी तरह का सहयोग अस्वीकार्य है.
'एकजुटता दिखाएं मुस्लिम देश'
खामेनेई ने यह बयान रविवार को राष्ट्रपति और कैबिनेट के सदस्यों से मुलाकात के बाद दिया, जिसे बाद में उन्होंने अपने एक्स हैंडल से शेयर किया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम दुनिया को एकजुट और मजबूत रुख अपनाना चाहिए और कूटनीतिक व आर्थिक साधनों के जरिए इजरायल पर दबाव डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापार और राजनीतिक रिश्ते खत्म करना, फिलिस्तीनी मुद्दे का समर्थन करने और पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने की जरूरी पहल है.
उन्होंने जोर दिया कि चुप्पी या निष्क्रियता को साझेदारी माना जाएगा. इस दौरान उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान की हालिया चीन यात्रा की सराहना भी की और कहा कि इसने 'आर्थिक और राजनीतिक, दोनों स्तरों पर बड़े बदलावों की नींव रखी है.'
'अमेरिका की मदद से हो रही तबाही'
खामेनेई ने कहा, 'ज़ायोनी शासन अनेक अपराधों और हैरान कर देने वाली तबाही को बिना शर्म के अंजाम दे रहा है. भले ही ये अपराध अमेरिका जैसे ताकतवर देश के समर्थन से हो रहे हों, लेकिन इसका मुकाबला करने का रास्ता बंद नहीं हुआ है.'
उन्होंने इजरायल को दुनिया का 'सबसे अलग-थलग और नफरती' शासन बताया और कहा कि ईरान की कूटनीति की प्रमुख दिशा यही होनी चाहिए कि दूसरे देशों को इस अपराधी शासन से राजनीतिक और व्यावसायिक रिश्ते तोड़ने के लिए प्रेरित किया जाए.
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