कोलेस्ट्रॉल नहीं, बैक्टीरिया भी हो सकते हैं हार्ट अटैक की वजह! वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

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Heart Attack: फिनलैंड और यूके के वैज्ञानिकों की नई स्टडी में पता चला है कि हार्ट अटैक सिर्फ कोलेस्ट्रॉल और लाइफस्टाइल की वजह से नहीं, बल्कि आर्टरीज में छिपे बैक्टीरिया से भी हो सकता है. ये रिसर्च भविष्य में दिल की बीमारियों के इलाज का तरीका बदल सकती है.

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रिसर्च में सामने आया है कि हार्ट अटैक आंशिक रूप से संक्रमण से भी जुड़ा हो सकता है. (Photo: Freepik)

कई सालों से डॉक्टर मानते आ रहे थे कि दिल का दौरा ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा और गलत लाइफस्टाइल की वजह से होता है. लेकिन फिनलैंड और यूके के वैज्ञानिकों की एक नई रिसर्च में चौंकाने वाली बात सामने आई है. इस रिसर्च में सामने आया है कि आर्टरीज में छिपा बैक्टीरियल इंफेक्शन भी इसका कारण हो सकता है. यह खोज भविष्य में हार्ट अटैक को समझने, उसका इलाज करने और उसे रोकने के तरीकों को बदल सकती है.

किसने की स्टडी

ये स्टडी फिनलैंड के टैम्पेरे और ओउलू यूनिवर्सिटी, फिनिश इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड वेलफेयर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया. इसके लिए उन्होंने उन लोगों के सैंपल्स लिए जो अचानक हार्ट अटैक आने से मरे थे और उन मरीजों के भी, जिनकी गंभीर आर्टीरियल डिजीज की वजह से सर्जरी की जा रही थी. ये रिसर्च यूरोपीय संघ द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा थी, जिसमें 11 देश शामिल थे. इसे फिनिश फाउंडेशन फॉर कार्डियोवैस्कुलर रिसर्च और जेन एंड एटोस एर्को फाउंडेशन से भी मदद मिली.

आर्टरीज में छिपे बैक्टीरिया

रिसर्चर्स ने पाया है कि बैक्टीरिया की पतली लेयर्स, जिन्हें बायोफिल्म कहा जाता है आपकी आर्टरीज में जमा फैट (प्लाक) के अंदर छिप सकते हैं. ये बैक्टीरिया कई सालों तक, कभी-कभी दशकों तक, बिना किसी लक्षण के शांत रह सकते हैं. बायोफिल्म उन्हें एक ढाल की तरह सुरक्षा देती है, जिससे वे ना तो शरीर के इम्यून सिस्टम की पकड़ में आते हैं और न ही एंटीबायोटिक दवाओं पकड़ में.

हार्ट अटैक किस कारण से होता है?

स्टडी में पाया गया कि कोई वायरल संक्रमण या दूसरा कारण इन छिपे बैक्टीरिया को एक्टिव कर सकता है. जब ये एक्टिव होते हैं, तो आर्टरीज के अंदर सूजन पैदा करते हैं और वहां जमा चर्बी को अनस्टेबल बना देते हैं. अगर ये चर्बी फट जाए, तो खून का थक्का (क्लॉट) बन सकता है. ये थक्का ब्लड फ्लो को रोक देता है और इसकी वजह से हार्ट अटैक पड़ सकता है.

बैक्टीरिया के सबूत

रिसर्चर्स ने पाया कि आर्टरीज में जमी चर्बी की (पट्टिकाओं/plaques) के अंदर मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का डीएनए मौजूद है. उन्होंने इन बैक्टीरिया को पहचानने के लिए एक खास एंटीबॉडी बनाई, जिससे आर्टरीज के टिशू में बायोफिल्म की साफ परतें दिखने लगीं.

दिल का दौरा पड़ने वाले मरीजों की आर्टरीज में भी यही बायोफिल्म वाले बैक्टीरिया मिले थे. इन बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर के इम्यून सिस्टम ने प्रतिक्रिया दी, जिससे सूजन और आर्टरीज की पट्टिका का फटना और भी बढ़ गया.

इस नई रिसर्च से पता चलता है कि हार्ट अटैक कुछ हद तक एक इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है. अगर आने वाले रिसर्च में यह सच साबित होता है, तो डॉक्टर लोगों को दिल संबंधी समस्याओं से बचाने के लिए केवल कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि एंटीबायोटिक्स, वैक्सीन या अन्य इंफेक्शन रोकने वाले इलाज का भी इस्तेमाल कर सकेंगे.
 

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