रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को आगाह किया है. विदेश मंत्रालय ने रूस की सेना में भारतीयों की भर्ती को लेकर उन्हें चेताया है.
यूक्रेन के खिलाफ रूस की सेना में भारतीयों की भर्तियों से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने हाल ही में रूस की सेना में भर्ती हुए भारतीय नागरिकों की रिपोर्ट्स देखी हैं. हमने इस मामले को मॉस्को और दिल्ली दोनों जगह रूस की सरकार के समक्ष उठाया है.
मंत्रालय का कहना है कि भारतीय नागरिकों को रूस की सेना में भर्ती करना बंद करना होगा और हमारे नागरिकों को रिलीज करना होगा. हम ऐसे भारतीय नागरिकों के परिवार वालों के संपर्क में भी हैं.
जायसवाल ने कहा कि सरकार ने बार-बार यूक्रेन के खिलाफ रूस की सेना में भर्ती होने के जोखिमों को उजागर किया है. हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे रूसी सेना में शामिल होने के ऑफर से दूर रहें. इसमें तमाम तरह के खतरे हैं.
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने संसद को बताया था कि 127 भारतीयों ने रूस की सेना में भर्ती हुए हैं. इनमें से 98 भारतीय बाद में इससे बाहर निकल गाए थे. उस समय 13 भारतीय नागरिक रूस की सेना में थे जिनमें से 12 लापता बताए गए थे.
बता दें कि भारत में रूस के दूतावास ने पिछले साल बताया था कि वह अब अपनी सेना में भारतीय नागरिकों को भर्ती नहीं करेगा. जुलाई 2024 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम मोदी की बातचीत के बाद ऐसा आश्वासन दिया गया था.
बता दें कि भारत से हर साल बड़ी संख्या में लोग नौकरी के लिए विदेश जाते हैं. बड़ी संख्या में भारतीय रूस का भी रुख कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि कई भारतीयों को यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की तरफ से लड़ने के ऑफर मिले. बदले में बढ़िया सैलरी का वादा किया गया.
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