विराट कोहली जब पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में 19 अक्टूबर को मैदान पर उतरे तो उनसे उम्मीद थी कि वो बड़ा धमाका करेंगे. कोहली को लेकर इस मैच में खूब हाइप भी क्रिएट हुई, लगा कोहली का ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर धमाकेदार बल्लेबाजी देखने को मिलेगी. वो खुद भी कॉन्फिडेंट लग रहे थे, पर यह महान बल्लेबाज महज 8 गेंदों की पारी शून्य बनाकर चलता बना.
कोहली जो कवरड्राइव के मास्टर माने जाते थे, वो एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया सरजमीं पर वो ही पुरानी गलती दोहराते दिखे. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024-25 में उनके साथ दिखी थी. तब भी वो लगातार ऑफ स्टम्प के बाहर की गेंदों से छेड़खानी करने में आउट हो रहे थे. वही गलती उनकी 9 महीनों बाद भी नजर आई.
पर्थ में 3 वनडे मैचों की पहली सीरीज में कोहली को तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने बैकवर्ड प्वाइंट पर कूपर कोनोली के हाथों कैच आउट करवाया. कोहली ने आठ गेंदों का सामना किया और वो अपना खाता नहीं खोल सके. यानी साफ है कि कोहली के लिए ऑस्ट्रेलिया की बाउंसी पिच पर ढाल पाना फिलहाल तो मुश्किल ही दिखा.
अब ऐसे में एक चीज तो साफ तौर पर दिख रही है कि 36 साल के कोहली के लिए पिछले कुछ समय से उनका यह क्लासिक शॉट्स ही उनके लिए गिरावट बनता जा रहा है, खासकर ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर...
VIRAT KOHLI GONE FOR A DUCK!#AUSvIND pic.twitter.com/cg9GbcMRAE
— cricket.com.au (@cricketcomau) October 19, 2025ऐसे में कोहली जो वर्ल्ड कप 2027 देखने का सपना बुन रहे हैं, उनको देख यह लग रहा है कि अब उनको अपनी बैटिंग तकनीक और टाइमिंग पर काम करने की जरूरत है, खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसे कठिन मैदानों पर, जहां गेंदबाज अक्सर ऑफ स्टम्प के आसपास गेंदबाजी करते हैं. साउथ अफ्रीका में होने वाले वर्ल्ड कप में भी पिच ऑस्ट्रेलिया जैसी होंगी. ऐसे में कोहली को अब 'ऑफ स्टम्प वाली दिक्कत' का पक्का इलाज करना होगा.
कोहली ने इस दौरान एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी बनाया, वो ऑस्ट्रेलिया में पहली बार वनडे इंटरनेशनल में शून्य पर आउट हुए. वहीं स्टार्क ने उनको दूसरी बार वनडे में जीरो पर आउट किया. स्टार्क से पहले इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन ही उनको दो बार जीरो पर आउट कर पाए थे.
जब BGT में एक ही पैटर्न में कोहली 7 बार हुए आउट
कोहली के साथ पर्थ वाली गलती BGT ट्रॉफी 2024-25 में दिखी थी. जब वह सिडनी टेस्ट जनवरी 2025 में खेले तो भी वो इसी तरह से आउट हुए थे. और 9 महीनों के बाद भी उनकी यह गलती नजर आई. उस सीरीज में कोहली 7 बार ऑफ स्टम्प की गेंद का पीछा करते हुए स्लिप, कीपर के हाथों पकड़े गए थे. कोहली ने तब उस दौरे पर अपना कई बार बल्लेबाजी का स्टांस भी बदला था. ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट बोलैंड तो विराट कोहली के BGT में 'जानी दुश्मन' बनकर उभरे थे, क्योंकि उन्होंने उनको 4 बार एक ही तरीके से उठाए थे.
A familiar trap? 👀#ViratKohli falls for the 7th time to an outside-off delivery, prompting a sharp reaction from #IrfanPathan! Here's what he had to say 👆🏻#AUSvINDOnStar 👉 5th Test, Day 1 | LIVE NOW | #BorderGavaskarTrophy #ToughestRivalry pic.twitter.com/2pBnBOrKm0
— Star Sports (@StarSportsIndia) January 3, 2025खास बात यह है कि तब इरफान पठान और दूसरे दिग्गजों ने भी कहा था कि कोहली को कवर ड्राइव छोड़कर दूसरे शॉट अपने रेंज में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर इस्तेमाल करने चाहिए. लेकिन वो हर बार कवर ड्राइव खेलने के चक्कर में ही आउट हुए.
तेंदुलकर की सिडनी वाली पारी देखें कोहली, उससे होगा सुधार
कोहली के हालिया ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन को लेकर उनके लिए एक चीज है कि वो अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर से सीख सकते हैं. मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 2003-04 दौरे पर सिडनी टेस्ट में एक पारी बिना कवर ड्राइव के खेली थी. सचिन भी उससे पहले कई बार ठीक कोहली के स्टाइल में ऑफ स्टम्प की गेंद का पीछा करने के चक्कर में आउट हो रहे थे. कोहली को तेंदुलकर की सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर बिना कवर ड्राइव के खेली गई 241 रनों की ऐतिहासिक पारी से सीख सकते हैं. तब तेंदुलकर ने कवर ड्राइव से बचते हुए नॉट आउट 241 रन बनाए, जो उनका टेस्ट में हाइएस्ट स्कोर है.
वैसे कोहली की रेंज में कई शॉट हैं, वह कट और दूसरे शॉट का सहारा ले सकते हैं. गौतम गंभीर और बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक और टीम के वीडियो एनालिसिस के साथ बैठ सकते हैं. ताकि उनकी समस्या सुधर पाए. क्योंकि अगर एक ही गलती बार-बार हो तो वो फिर पैटर्न बन जाती है. हाालांकि मौसम भी एक वजह माना जा सकता है, क्योंकि खेल कई बार रुका और कई बार बल्लेबाजों का ध्यान भंग हुआ. पर अब कोहली को बाकी बचे 2 वनडे में कुछ बड़ा करना होगा, अन्यथा वो एक बार फिर सवालों के घेरे में होंगे. उम्मीद तो उनसे इस बात की ही होगी कि वो ऑस्ट्रेलिया में धमाका करें... और तमाम आलोचकों का मुंह बंद करें और वर्ल्ड कप 2027 भी खेलें.
---- समाप्त ----