क्या विटामिन-डी आपकी उम्र बढ़ने से रोकने में मदद करती है... अमेरिकी स्टडी में खुलासा

2 days ago 1

एक नई स्टडी में पता चला है कि विटामिन डी की गोलियां हमें लंबे समय तक स्वस्थ और जवान रख सकती हैं. यह हमारे डीएनए की रक्षा करने वाले टेलोमियर्स को बचाता है, जो बुढ़ापे से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं. लेकिन इसमें एक कंडीशन भी है. 

विटामिन डी और टेलोमियर्स: क्या है कनेक्शन?

विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते हैं, हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है. यह हड्डियों को मजबूत करता है. इम्यून सिस्टम को ताकत देता है. लेकिन नई स्टडी कहती है कि यह बुढ़ापे को भी धीमा कर सकता है. हमारे शरीर में 46 क्रोमोसोम्स होते हैं, जिनके सिरों पर टेलोमियर्स नाम की छोटी संरचनाएं होती हैं. ये टेलोमियर्स डीएनए को नुकसान से बचाते हैं, जैसे जूते के फीते की टोपी फीते को खराब होने से रोकती है.

यह भी पढ़ें: अगले तीन महीनों में काम शुरू कर देगा NISAR... 747 km ऊपर से रख रहा है नजर

हर बार जब हमारी कोशिकाएं विभाजन करती हैं, टेलोमियर्स थोड़े छोटे हो जाते हैं. जब ये बहुत छोटे हो जाते हैं, तो कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे कैंसर, दिल की बीमारी और गठिया जैसी उम्र से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती हैं. धूम्रपान, तनाव और सूजन (इन्फ्लेमेशन) टेलोमियर्स को और तेजी से छोटा करते हैं. लेकिन विटामिन डी इन टेलोमियर्स को बचाने में मदद करता है, जिससे कोशिकाएं लंबे समय तक स्वस्थ रहती हैं.

vitamin d aging

स्टडी में क्या पता चला?

ऑगस्टा यूनिवर्सिटी, अमेरिका की एक स्टडी में 1031 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी औसत उम्र 65 साल थी. इन लोगों को पांच साल तक देखा गया. आधे लोगों को रोज 2000 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की गोली दी गई. बाकी आधों को प्लेसिबो (बिना दवा की गोली). शोधकर्ताओं ने उनके टेलोमियर्स को शुरू में, दो साल बाद और चार साल बाद मापा.

नतीजे चौंकाने वाले थे. जिन लोगों ने विटामिन डी लिया, उनके टेलोमियर्स 140 बेस पेयर्स ज्यादा बचे रहे, जबकि प्लेसिबो ग्रुप में ऐसा नहीं हुआ. सामान्य तौर पर, टेलोमियर्स 10 साल में 460 बेस पेयर्स छोटे होते हैं. इसका मतलब है कि विटामिन डी बुढ़ापे को धीमा करने में सचमुच मदद कर सकता है.

पहले की स्टडीज में भी ऐसा ही देखा गया था. मेडिटेरेनियन डाइट, जो सूजन कम करने वाले पोषक तत्वों से भरे हैं, वो भी टेलोमियर्स को लंबा रखने में मदद करती है. 

यह भी पढ़ें: डैम, "डैम, सीवर और रिवर मैनेजमेंट... पंजाब-जम्मू समेत देश के 10 फीसदी हिस्सों में बाढ़ के क्या हैं सबक?

विटामिन डी के फायदे: हड्डियों से ज्यादा

विटामिन डी को हम हड्डियों के लिए जानते हैं, क्योंकि यह कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है. बच्चों, किशोरों और गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को, जिन्हें धूप कम मिलती है, विटामिन डी की बहुत जरूरत होती है. लेकिन यह सिर्फ हड्डियों तक सीमित नहीं है.

यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है. स्टडीज दिखाती हैं कि यह सर्दी-जुकाम और सांस की बीमारियों को कम करता है. खासकर उन लोगों में जिनमें विटामिन डी की कमी है. 

कुछ शुरुआती शोध कहते हैं कि यह रूमेटाइड गठिया, ल्यूपस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों को रोक सकता है, लेकिन इसके लिए और रिसर्च चाहिए. विटामिन डी सूजन को कम करता है, जो टेलोमियर्स को नुकसान से बचाता है. यही कारण है कि यह बुढ़ापे से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मददगार हो सकता है.

vitamin d aging

कंडीशन क्या है? 

कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत लंबे टेलोमियर्स भी बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं, जैसे कुछ तरह के कैंसर. इसका मतलब है कि टेलोमियर्स की लंबाई का एक सही संतुलन होना चाहिए, जिसे हम अभी पूरी तरह नहीं समझते.

इसके अलावा, विटामिन डी की सही खुराक पर भी सहमति नहीं है. इस स्टडी में 2000 IU रोज दी गई, जो सामान्य सलाह (600 IU 70 साल से कम उम्र वालों के लिए और 800 IU बुजुर्गों के लिए) से ज्यादा है. कुछ स्टडीज कहती हैं कि 400 IU भी सर्दी रोकने के लिए काफी है.

खुराक हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है, जैसे उनकी मौजूदा विटामिन डी की मात्रा, खान-पान और अन्य पोषक तत्वों पर निर्भर करता है. ज्यादा मात्रा में विटामिन डी लेना खतरनाक भी हो सकता है, जैसे किडनी में पथरी या कैल्शियम का जमाव. इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के ज्यादा खुराक नहीं लेनी चाहिए.

विटामिन डी की यह स्टडी हमें बुढ़ापे को समझने की नई दिशा देती है. यह टेलोमियर्स को बचाकर हमें लंबे समय तक स्वस्थ रख सकता है. लेकिन अभी और रिसर्च की जरूरत है ताकि सही खुराक और इसके जोखिमों को समझा जा सके. तब तक, अच्छा खान-पान, व्यायाम और तनावमुक्त जीवन ही हमें जवान और स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है. 

---- समाप्त ----

Read Entire Article