घर की बालकनी से गुजर गया फ्लाईओवर, मकान मालिक को नहीं है कोई दिक्कत, अब उठे सवाल

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नागपुर में दिगोरी-इंदौरा फ्लाईओवर का एक हिस्सा अशोक चौक स्थित 150 साल पुराने मकान की बालकनी के भीतर से गुजर रहा है. मकान मालिक को इस निर्माण से कोई आपत्ति नहीं है, जबकि NHAI का कहना है कि बालकनी अनाधिकृत है. 9.2 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर की लागत 998 करोड़ रुपए है. यह अनोखी स्थिति अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुकी है.

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 Screengrab)

घर के बीच से निकला फ्लाईओवर (Photo: Screengrab)

नागपुर में इन दिनों एक फ्लाईओवर चर्चा का विषय बना हुआ है. दिगोरी से इंदौरा को जोड़ने वाले इस फ्लाईओवर का एक हिस्सा अशोक चौक स्थित एक मकान की बालकनी के भीतर से गुजर रहा है. शहरवासियों के लिए यह दृश्य हैरानी का कारण बना हुआ है.

अशोक चौक में रहने वाले प्रवीण पत्रे का घर 150 साल से अधिक पुराना है और सन 2000 में इसका रेनोवेशन किया गया था. इस घर की बाल्कनी से फ्लाईओवर का हिस्सा जाने के बावजूद प्रवीण पत्रे को कोई आपत्ति नहीं है. 

मकान मालिक को नहीं है कोई चिंता

उनका कहना है कि निर्माण शुरू होने से पहले विभाग द्वारा उन्हें सूचना दी गई थी और तब भी उन्होंने आपत्ति नहीं जताई. उनका कहना है कि यह उनका यूटिलिटी एरिया नहीं है और उन्हें सुरक्षा की चिंता नहीं है. उनकी बेटी सृष्टि पत्रे का कहना है कि जब फ्लाईओवर पूरी तरह तैयार हो जाएगा और वाहनों की आवाजाही शुरू होगी तब वो अपने घर में नॉइज़ रिडक्शन करा लेंगे.

998 करोड़ की लागत से बन रहा फ्लाईओवर

दिगोरी से इंदौरा जाने वाला यह फ्लाईओवर नागपुर का सबसे बड़ा फ्लाईओवर बताया जा रहा है. लगभग 9.2 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर की लागत 998 करोड़ रुपए है और यह नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की देखरेख में बन रहा है.

इस मामले पर NHAI नागपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सिन्हा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जिस मकान की बालकनी से फ्लाईओवर गुजर रहा है वह बालकनी अनाधिकृत निर्माण है. इस बाबत विभाग ने नागपुर महानगर पालिका को पत्र लिखा है और अनाधिकृत निर्माण हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है.

फिलहाल यह फ्लाईओवर और मकान की बाल्कनी से गुजरता उसका हिस्सा शहरभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. यह मामला शहर के विकास और व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है.
 

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