लखनऊ के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र के बंथरा गांव में रहने वाले 25 वर्षीय पवन सिंह की अचानक मौत हो गई. इसके बाद बड़े भाई 45 वर्षीय मोनू सिंह इस सदमे को सह नहीं सके. शुक्रवार सुबह उन्होंने भी दम तोड़ दिया. बहन प्रियंका ने कहा कि भैया को बहुत समझाया, लेकिन वो कहते थे कि अब किसके लिए जिएं? भाई के गम में उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी जान चली गई.
पवन सिंह की मौत 9 जून को हुई थी. वह पेशे से वकील थे और बिजनौर में रजिस्ट्री का काम निपटाकर तहसील लौटे थे. तहसील परिसर में अचानक उन्हें चक्कर आया और वे वहीं गिर पड़े. सिर दीवार से टकराया और फिर होश नहीं आया. साथी वकील उन्हें आनन-फानन में SGPGI लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें 'ब्रॉट डेड' लाया गया. ECG में हार्ट बीट पूरी तरह फ्लैट लाइन थी.
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पवन की मौत के बाद से मोनू सिंह बुरी तरह टूट गए थे. उनकी बहन प्रियंका बताती हैं कि वह डिप्रेशन में चले गए थे. वह बार-बार कहते थे कि पवन को तो कभी बुखार भी नहीं आया, फिर ऐसा कैसे हो गया? मोनू की हालत लगातार बिगड़ती गई और अंतत: दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. प्रियंका कहती हैं कि मां बेसुध हैं, पापा कोने में बैठे रोते रहते हैं. बेटी दिनभर मामा-मामा करती है, उसे कैसे समझाऊं कि अब उसके मामा नहीं रहे.
परिजनों और रिश्तेदारों का मानना है कि यह मौतें हीटवेव और अत्यधिक गर्मी का नतीजा भी हो सकती हैं. एडवोकेट मनोज यादव ने कहा कि पवन मेरा जूनियर था. घटना से पहले ही चैंबर में मिला था. उसके जाने के बाद मोनू की मौत ने हमें झकझोर दिया. दोनों भाइयों का रिश्ता राम-लक्ष्मण जैसा था. गांव के बुजुर्ग शेर बहादुर यादव कहते हैं कि पवन 15 साल से मेरे बेटे के साथ कोर्ट आता-जाता था, बहुत सेवा करता था.
इन दोनों भाइयों की मौत से परिवार उजड़ गया है. पवन की फरवरी में शादी तय थी और घर में तैयारियां चल रही थीं. अब परिवार मातम में डूबा है. बहन प्रियंका मोबाइल में तस्वीर दिखाते हुए कहती हैं कि दोनों भाई मेरी शादी में साथ खड़े थे, अब दोनों नहीं रहे.