डिफेंडर-फॉर्च्यूनर, सब पर लाल-नीली बत्ती और VIP प्रोटोकॉल... फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी की कहानी

3 days ago 1

सड़कों पर अक्सर आपने पुलिस सुरक्षा के बीच लाल–नीली बत्ती वाली सरकारी गाड़ियां सरपट दौड़ते देखी होंगी. लेकिन सोचिए, अगर ये पूरा तामझाम किसी फर्जी अफसर का हो तो? जी हां, राजधानी लखनऊ में पुलिस ने ऐसे ही एक फर्जी IAS अधिकारी को दबोचा है, जिसने पूरे सिस्टम को अपने झूठे रौब–दाब से महीनों तक गुमराह किया.

कारगिल शहीद पार्क से शुरू हुआ शक

बताया जा रहा है कि सुबह कारगिल शहीद पार्क के पास लखनऊ की वजीरगंज पुलिस चेकिंग कर रही थी. एक काले रंग की लग्जरी कार जैसे ही रोकी गई तो उसमें बैठे युवक ने खुद को IAS बताकर रौब झाड़ना शुरू कर दिया. उसने पुलिस को धमकाया कि वह मुख्यमंत्री तक शिकायत कर सकता है. लेकिन वजीरगंज पुलिस को उसकी हरकतों पर शक हुआ. पूछताछ गहराई में हुई, तो उसके नकली चेहरे का पर्दाफाश हो गया. उसका नाम सौरभ त्रिपाठी निकला, जो गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) का रहने वाला है.

डिफेंडर और फॉर्च्यूनर में घूमता था

पुलिस को पता चला कि सौरभ के पास डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और मर्सिडीज जैसी लग्ज़री गाड़ियां थीं. वह ड्राइवर और नीली बत्ती के साथ इन गाड़ियों का इस्तेमाल करता, ताकि लोग उसे असली अफसर मानें. पुलिस ने जब तलाशी ली तो गाड़ियों से फर्जी दस्तावेज, नकली सरकारी पास और वीआईपी प्रोटोकॉल से जुड़े कई सामान बरामद हुए.

बड़े-बड़े सरकारी कार्यक्रमों में देता था हाजिरी

जांच में खुलासा हुआ है कि सौरभ त्रिपाठी कई बार सरकारी के कार्यक्रमों में IAS बनकर शामिल हुआ. कई विभाग की बैठकों में भी अधिकारी बनकर पहुंचता. अफसरों पर दबाव डालता और फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश करता. कई बार अधिकारियों ने उसकी हरकतों पर शक भी जताया, लेकिन उसके दिखावे और दबंगई के आगे चुप रह गए.

सोशल मीडिया पर चलाता था नकली अकाउंट

फर्जी IAS सौरभ ने सोशल मीडिया को भी हथियार बना लिया था. इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उसने अपना अकाउंट @Saurabh_IAAS नाम से चलाया. इंस्टा बायो में उसने खुद को "IAS, Uttar Pradesh Government" लिखा हुआ था. अकाउंट पर उसने कई सरकारी कार्यक्रमों, बैठकों और यात्राओं की तस्वीरें अपलोड कीं. यहां तक कि उसने पटना में हर साल होने वाले दिव्यांग राष्ट्रीय नृत्य समारोह के बारे में भी पोस्ट डाला, ताकि लोग उसकी पहचान को असली समझें.

एनजीओ के जरिए बढ़ाए संपर्क

पूछताछ में सौरभ ने पुलिस को बताया कि उसने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है. इसके बाद उसने एक एनजीओ बनाई, जिसके नाम पर कई बड़े अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात की. धीरे-धीरे उसने खुद को IAS अफसर के तौर पर पेश करना शुरू किया और सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर रौब जमाने लगा.

अफसरों को करता था धमकियां

सूत्रों के मुताबिक, सौरभ अक्सर अधिकारियों को धमकाता था. अगर कोई उसकी बात नहीं मानता, तो वह कहता कि “मैं सीएम तक बात पहुंचा दूंगा.” उसने कई बार होटलों में मीटिंग की, जहां अफसरों को बुलाकर फैसले बदलवाने का दबाव बनाया. चौंकाने वाली बात ये है कि कई अफसर उसके झांसे में आ गए और उसकी पहचान पर सवाल तक नहीं उठाए.

गिरफ्तारी के बाद हड़कंप

लखनऊ पुलिस आयुक्त पश्चिमी विभूति श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच तेज कर दी गई है. पुलिस को शक है कि फर्जी IAS अधिकारियों के पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है. इनसे बरामद नकली दस्तावेज और गाड़ियां फिलहाल जब्त कर ली गई हैं. सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी डिलीट करवा दिया गया है.

पुलिस पूछताछ में कई खुलासे बाकी

फिलहाल पुलिस की पूछताछ जारी है. यह जांच की जा रही है कि फर्जी IAS ने कितने सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, किन अफसरों से मुलाकात की और किन फैसलों को प्रभावित किया. यह भी पता लगाया जा रहा है कि लग्ज़री गाड़ियां उसने कहां से और किस पैसे से खरीदीं.

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