बिहार विधानसभा चुनाव के जोरदार प्रचार के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मलेशिया के पर्यटक स्थल लंगकावी में छुट्टी मनाने की खबर ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. इसी को लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है और उन्हें गायब होने की कला में माहिर करार दिया है.
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी की एक तस्वीर साझा करते हुए दावा किया कि वह इन दिनों मलेशिया में छुट्टियां मना रहे हैं. तस्वीर में वह सफेद टोपी और जींस शॉर्ट्स में कैमरे की ओर देख रहे हैं.
उन्होंने तस्वीर साझा करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी एक बार फिर गायब हो गए हैं, इस बार मलेशिया के लंगकावी में एक गुप्त छुट्टी पर हैं.
उन्होंने कहा कि लगता है बिहार की राजनीति की गर्मी और धूल कांग्रेस के युवराज के लिए बहुत ज़्यादा थी, इसलिए उन्हें छुट्टी पर जाना पड़ा या फिर ये उन सीक्रिएट मीटिंगों में से एक है, जिनके बारे में कोई नहीं जानता?
उन्होंने ये भी कहा कि जब लोग वास्तविक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब राहुल गांधी गायब होकर छुट्टियां मनाने की कला में माहिर हैं.
वोटर अधिकारी यात्रा
दरअसल, हाल ही में राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव की बिहार में वोटर अधिकार यात्रा 1 सितंबर को समाप्त हुई थी. इस यात्रा ने लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी तय की और 25 जिलों के साथ-साथ करीब 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया. दो हफ्ते तक चली इस यात्रा के बाद राहुल गांधी की लंगकावी यात्रा ने बीजेपी को उन पर निशाना साधने का मौका दे दिया.
पहले भी उठते रहे हैं सवाल
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने राहुल गांधी की विदेश यात्राओं को लेकर सवाल उठाए हैं. खासकर संसद सत्रों या चुनाव प्रचार के दौरान उनकी विदेश यात्राओं को लेकर बीजेपी हमेशा आलोचना करती रही है. इस साल के बजट सत्र के दौरान भी बीजेपी ने राहुल गांधी की वियतनाम और अन्य देशों की लगातार यात्राओं पर सवाल उठाए थे. पार्टी ने इन यात्राओं को "अप्रकट" बताते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया था.
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी की वियतनाम के प्रति असामान्य प्रेम पर सवाल उठाए थे.
वहीं, अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, 'विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी एक महत्वपूर्ण पद पर हैं और संसद सत्र के दौरान उनकी कई गुप्त विदेश यात्राएं न केवल शालीनता के खिलाफ हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर सवाल खड़े करती हैं.'
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