अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में डिनर पार्टी आयोजित की थी. इस हाई प्रोफाइल पार्टी में टेक्नोलॉजी लीडर्स शामिल हुए थे. इस पार्टी की अगुवाई फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने की थी. पार्टी से पहले मेलानिया ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एजुकेशन टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता. इसमें टेक्नोलॉजी क्षेत्र में बड़े-बड़े दिग्गज सत्यम नडेला, सुंदर पिचाई, संजय मल्होत्रा, विवेक रणदीवे और श्याम शंकर शामिल हुए. आइए जानते हैं ये भारतीय कौन हैं और क्या करते हैं.
सुंदर पिचाई
इस पार्टी में शामिल होने वाले सुंदर पिचाई गूगल के सीईओ हैं. पिचाई 2015 से गूगल के सीईओ थे. उन्होंने 2004 में गूगल जॉइन किया था. पिचाई मदुरै के एक मिडिल क्लास फैमिली में पैदा हुए थे. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई आईआईटी खड़गपुर से की है. इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें IIT Kharagpur के पेपर्स में C ग्रेड मिला था. 10 अगस्त 2015 को सुंदर पिचाई को Google का CEO बनाया गया. इससे पहले उन्हें गूगल के हेड लैरी पेज ने प्रोडक्ट चीफ बनाया था.
सत्यम नडेला
सुंदर पिचाई माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं. उनका जन्म भारत के हैदराबाद में 1976 में हुआ था. इसके बाद वे पढ़ाई और नौकरी के लिए अमेरिका चले गए थे. कमाल की बात ये है कि माइक्रोसॉफ्ट उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में जॉइन किया था, लेकिन आज वे उसके सीईओ और चेयरमैन हैं. सत्यम ने उन्होंने विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइंस और शिकागो यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है. इन्हें क्लाउड गुरु के नाम से भी जाना जाता है. वह माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बनने से पहले माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड और एंटरप्राइज ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष थे.
संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंक के सीईओ हैं. संजय मल्होत्रा उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने 18 साल की उम्र तक बिट्स पिलानी से अपनी पढ़ाई पूरी की इसके बाद वे कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय बर्कली से गए. यहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
विवेक रणदीवे
61 वर्षीय विवेक रणदीवे का जन्म मुंबई में हुआ था. परिवार के तीन बच्चों में सबसे छोटे, विवेक एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, जिन्हें मात्र 16 साल की उम्र में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से बुलावा आया और उन्होंने वहां रहते हुए अपनी पहली कंपनी UNIX कंसल्टिंग कंपनी शुरू की.
एमआईटी से ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करने के बाद, रणदीवे ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई पूरी की और एक अरब डॉलर की रियल-टाइम कंप्यूटिंग कंपनी, टिब्को के संस्थापक बने. रणदीवे ने नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) टीम, गोल्डन स्टेट वॉरियर्स (जीएसडब्ल्यू) के शेयर खरीदने का फैसला किया था. 2010 में, वह न केवल इस फ्रैंचाइज़ी के उपाध्यक्ष बने बल्कि एनबीए टीम के सह-मालिक बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति भी बने.
श्याम शंकर
भारत के मुंबई में जन्में श्याम शंकर भी ट्रंप के डिनर में शामिल हुए. वे पालंटियर टेक्नोलॉजीज़ के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) हैं. यह कंपनी दुनिया की सबसे प्रभावशाली आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंपनियों में से एक है. उन्हें “ब्यूरोक्रेसी खत्म करने वाला” भी कहा जाता है, क्योंकि वे पिछले 20 सालों से सरकार और निजी कंपनियों के लिए ऐसे सॉफ़्टवेयर और AI सॉल्यूशन बना रहे हैं, जो पुराने झंझट खत्म कर काम को आसान और तेज़ कर देते हैं.
उनके पिता, जिनका जन्म भारत के तमिलनाडु में एक मिट्टी की झोपड़ी में हुआ था और जो परिवार में कॉलेज जाने वाले पहले व्यक्ति थे, नाइजीरिया में कुछ समय बिताने के बाद, शंकर परिवार अमेरिका चले गए. श्याम शंकर का पालन-पोषण अमेरिका के ऑरलैंडो में हुआ. उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री की है.
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