नोएडा पुलिस ने जीएसटी धोखाधड़ी के बड़े मामले का खुलासा करते हुए एक निजी कंपनी के पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने लगभग 10 करोड़ रुपये का फर्जी इनवॉइस तैयार कर 1.8 करोड़ रुपये का जीएसटी क्लेम किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी के पास से कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं.
गिरफ्तार युवक का नाम अभिनव त्यागी है. वह मूल रूप से मुरादाबाद का रहने वाला है और फिलहाल ग्रेटर नोएडा के बिसरख क्षेत्र में किराए पर रह रहा था. पुलिस का कहना है कि अभिनव पहले एक निजी कंपनी के अकाउंट सेक्शन में कार्यरत था. कंपनी की ओर से जीएसटी और टैक्स-रिटर्न पोर्टल से जुड़े मामलों को देखता था. इसी जानकारी और एक्सेस का फायदा उठाकर उसने कंपनी के खिलाफ यह बड़ा फर्जीवाड़ा अंजाम दिया.
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पुलिस की जांच में सामने आया है कि अभिनव ने अपने एक साथी के साथ मिलकर कंपनी का 10 करोड़ रुपये का फर्जी इनवॉइस बनाया. इसके बाद इन कागजात का इस्तेमाल करते हुए उसने 1.8 करोड़ रुपये का जीएसटी क्लेम कर लिया. धोखाधड़ी को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया. जब कंपनी मालिक को इनवॉइस और क्लेम को लेकर शक हुआ, तो जांच में पूरा मामला उजागर हो गया. इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने नोएडा साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई.
इस मामले में एडीसीपी साइबर क्राइम शव्या गोयल ने कहा कि नोएडा साइबर पुलिस ने अभिनव त्यागी नाम के आरोपी को अरेस्ट किया है. उसने एक निजी कंपनी के लगभग 10 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस तैयार किए थे, जिनके आधार पर 1.8 करोड़ रुपये का जीएसटी क्लेम किया गया. आरोपी के पास से चार मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड, एक लैपटॉप, एक कार, जीएसटी से जुड़े दस्तावेज और किरायानामा बरामद किया गया है.
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पुलिस ने आरोपी के ठिकाने से कई ऐसे उपकरण जब्त किए हैं, जिनका इस्तेमाल जीएसटी फाइलिंग और धोखाधड़ी में किया गया था. इनमें चार मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड, एक लैपटॉप, एक कार और फर्जी दस्तावेज शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने तकनीकी खामियों और कंपनी की जानकारियों का फायदा उठाते हुए यह फर्जीवाड़ा किया. फिलहाल आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अब उसके सहयोगी की तलाश कर रही है, जो इस पूरे रैकेट में शामिल बताया जा रहा है.
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