पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण का मामला गरमाया! हिंदू लड़कियों को अगवा कर मुसलमानों से कराई शादी

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भारत के पड़ोसी इस्लामिक देश पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ अत्याचार की खबरें कोई नई बात नहीं हैं. सिंध प्रांत से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कर मुस्लिम लड़के से उनकी शादी करा दी जा रही है. सिंध के तंदो अल्लाहयार जिले में एक नहीं बल्कि एक साथ तीन मामले सामने आए हैं जहां लड़कियों के परिवारवालों ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है.

13 जुलाई, रविवार को जिले के सुल्तानाबाद थाने में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें कहा गया है कि लड़कियों का अपहरण उसी थाने के अलग-अलग इलाकों से किया गया और जबरन उनकी शादी मुस्लिम लड़कों से करा दी गई. लड़कियां नाबालिग बताई जा रही हैं.

थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, तीनों लड़कियां- खेंची कोल्ही, लता मेघवध और मीना मेघवध के अपहरण के बाद जबरन उनका धर्मांतरण कराया गया और फिर उसी दिन उनकी शादी मुस्लिम लड़कों से करा दी गई.

सिंध में हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे घरवाले

पाकिस्तान के अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, परिवारवाले जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी मांग है कि अपहरणकर्ताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.

पुलिस में एफआईआर के बाद घरवालों में थाने के बाहर बैठकर विरोध-प्रदर्शन भी किया. घरवालों की मांग थी कि जब तक अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार नहीं किया जाता वो अपना विरोध खत्म नहीं करेंगे. लेकिन फिर पुलिस ने आश्वासन दिया कि वो तीनों लड़कियों के अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करेंगे तब जाकर परिवार वालों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया.

सिंध हाई कोर्ट में अपहरणकर्ताओं के साथ पेश हुईं लड़कियां 

इसी बीच मंगलवार को तीनों लड़कियां अपने अपहणकर्ताओं के साथ सिंध हाई कोर्ट हैदराबाद सर्किट बेंच के सामने हाजिर हुईं. 

कोर्ट के समक्ष तीनों लड़कियों ने ये घोषणा की कि उन्होंने अपनी मर्जी से अपना धर्म परिवर्तन किया है और अपने कथित मुसलमान प्रेमियों से शादी भी रचा ली है. तीनों लड़कियों के हिंदू नाम भी बदल दिए गए हैं और उन्हें कलसुम (खेंची कोल्ही), बिस्मा (लता मेघवध) और समाइमा (मीना मेघवध) नाम दिया गया है. सिंध की अदालत ने तीनों लड़कियों और उनके कथित पतियों को जमानत दे दी.

सिंध मानवाधिकार आयोग ने की निष्पक्ष जांच की मांग

सिंध के मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन इकबाल अहमद देथो ने मंगलवार को ही जिले के एसएसपी को एक पत्र लिखकर धर्मांतरण के तीनों मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की. पत्र में इस बात का खासतौर से जिक्र किया गया कि लड़कियों की उम्र को लेकर सही जांच होनी चाहिए. अगर लड़कियां नाबालिग हैं तो उनकी शादी सिंध चाइल्ड मैरिज रेस्ट्रेंट एक्ट, 2013 के तहत अवैध होगी.

सिंध में हिंदू अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण कर उनके जबरन धर्मांतरण और फिर शादी की खबरें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पाकिस्तान में पुलिस प्रशासन और सरकार पर भी अकसर अल्पसंख्यक हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ भेदभाव और उनके अधिकारों की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं. 

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