पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच करीब 50 मिनट मुलाकात हुई. इस बैठक पर सबकी निगाहें थीं. भारत, चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करना चाहता है, जो लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. भारत अपने उत्पादों के लिए चीन के बाजार में बेहतर पहुंच चाहता है. रणनीतिक रूप से, प्रधानमंत्री की यह यात्रा बहुपक्षवाद और बहुध्रुवीयता का संदेश देती है.
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