नेपाल में सोशल मीडिया पर लगा बैन अब हट चुका है. सोमवार देर रात सरकार ने इसकी घोषणा करते हुए GenZ प्रदर्शनकारियों से अपना विरोध वापस लेने की अपील की. लेकिन रविवार का दिन नेपाल के लिए बड़ा हंगामेदार रहा. रविवार को राजधानी काठमांडू से लेकर कई शहरों तक हंगामा मचा रहा. सुबह से शुरू हुआ प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता गया और हालात इतने बिगड़ गए कि सरकार को कर्फ्यू और शूट एंड साइट जैसे आदेश तक जारी करने पड़े. हालांकि दिन खत्म होते-होते प्रदर्शनकारियों की मांगें मान ली गईं.
आइए जानते हैं कि कल पूरे दिन क्या-क्या हुआ?
-सुबह 9 बजे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर मंडला में जमा हुए और कुछ देर बाद संसद भवन की ओर मार्च करने लगे.
-करीब 10 से 12 बजे के बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह झड़प हुई. पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन चलाए, वहीं गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने एक एंबुलेंस को आग लगा दी.
-दोपहर 12 से 2 बजे के बीच हालात और बिगड़ गए. प्रदर्शनकारी संसद भवन की दीवार फांदकर अंदर घुस गए. जवाब में पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं. काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास समेत संवेदनशील इलाकों को सील कर दिया गया. सेना को भी तैनात कर दिया गया और शूट एंड साइट का आदेश जारी हुआ.
-शाम 4 से 6 बजे तक यह आग पोखरा, बिराटनगर, भरतपुर, इटहरी और नेपालगंज जैसे शहरों तक फैल गई.
-रात 7 से 9 बजे प्रधानमंत्री आवास पर उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्री ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया.
-रात 9 से 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई. हालांकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बैठक के बाद साफ कर दिया कि चाहे उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़े, लेकिन सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध वापस नहीं लिया जाएगा.
-देर रात 12 से 1 बजे के बीच अचानक सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन वापस ले लिया. नेपाल के संचार, सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने इसकी घोषणा की और प्रदर्शनकारियों से विरोध वापस लेने की अपील की.
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