रविवार तड़के बॉर्डर पर संघर्ष शुरू हुआ. कंबोडिया के सम्रोंग शहर में तोपों की लगातार गूंज लोगों के बीच दहशत का कारण बन रही है. यह शहर बॉर्डर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है, इसके बावजूद धमाकों की आवाज वहां तक पहुंच रही है.
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कंबोडिया-थाईलैंड सीमा विवाद के चलते ओडार मीनचे प्रांत में एक पगोडा के पास शरण लेते ग्रामीण. (Photo- AFP)
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा सीमा विवाद रविवार को चौथे दिन भी नहीं थमा. संघर्ष विराम की अपीलों के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं के बीच भारी गोलाबारी जारी रही. रविवार सुबह से ही सीमा क्षेत्र में तोपों की आवाजें गूंजती रहीं.
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, रविवार तड़के बॉर्डर पर संघर्ष शुरू हुआ. कंबोडिया के सम्रोंग शहर में तोपों की लगातार गूंज लोगों के बीच दहशत का कारण बन रही है. यह शहर बॉर्डर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है, इसके बावजूद धमाकों की आवाज वहां तक पहुंच रही है, जो बताता है कि सीमा पर हालात कितने तनावपूर्ण हैं.
यह झड़पें ऐसे समय हो रही हैं जब दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की संभावनाओं को लेकर कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं. हालांकि, रविवार सुबह की गोलाबारी से साफ है कि जमीनी स्तर पर स्थिति अब भी बेहद नाजुक बनी हुई है.
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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद वर्षों से चला आ रहा है. मुख्य रूप से उन क्षेत्रों को लेकर विवाद है जहां ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं. दोनों देश इन स्थलों पर दावा करते हैं.
दरअसल, दोनों देशों के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा को लेकर विवाद है. विशेषकर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित 'प्रीह विहेयर' मंदिर को लेकर तनाव ज्यादा रहा है. 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने यह मंदिर कंबोडिया को सौंप दिया था, लेकिन थाईलैंड ने उस फैसले को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया.
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