यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन अब भी बाढ़ में डूबे हुए हैं दिल्ली के कई इलाके- VIDEO

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दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, यमुना का जलस्तर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है. पर अभी भी कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. सरकार ने कहा है कि वह चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और दावा किया है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी.

ताजा अपडेट के अनुसार पुराने यमुना पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज - ORB) पर जलस्तर 206.95 मीटर दर्ज किया गया है जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है. पुराने रेलवे ब्रिज स्थित मुख्य बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र पर रात 8 बजे नदी का जलस्तर 207.05 मीटर दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह इस मौसम के उच्चतम स्तर 207.48 मीटर पर पहुंच गया था. शाम 6 बजे जलस्तर 207.12 मीटर और शाम 5 बजे 207.16 मीटर दर्ज किया गया था.

हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 53,333 क्यूसेक पानी

अधिकारियों के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से 53,333 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 1,44,390 क्यूसेक और ओखला बैराज से 2,26,433 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. अधिकारियों का अनुमान है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर तेजी से कम हो सकता है और शुक्रवार देर रात या शनिवार सुबह तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे पहुंच सकता है.

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, मौजूदा संकेत बताते हैं कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटता रहेगा. शनिवार सुबह 8 बजे जलस्तर 206.4 मीटर पर पहुंचने की उम्मीद है और उसके बाद भी इसमें गिरावट जारी रहने की संभावना है. नदी का जलस्तर घटने के संकेत मिलने के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी.

उन्होंने कहा, 'फिर भी, सरकार प्रभावित लोगों की सहायता करने में पूरी तरह लगी हुई है.' गुप्ता ने स्थिति का आकलन करने के लिए संभागीय आयुक्त नीरज सेमवाल और सभी 11 राजस्व जिलों के जिलाधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक की.

क्या बोले PWD मंत्री

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट और आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया.

उन्होंने इस दावे का खंडन किया कि यमुना का पानी सिविल लाइंस क्षेत्र में घुस गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये स्थिति बारिश के कारण जलभराव का परिणाम है, ना कि नदी में बाढ़ का.

मंत्री ने कहा, 'ये हाल ही में हुई बारिश के कारण हुआ जलभराव है. सिविल लाइंस क्षेत्र में सड़कों के किनारे नालियों के मुहाने को एहतियाती उपाय के तौर पर बंद कर दिया गया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि यमुना का पानी सड़कों पर न आए.'

CM ऑफिस ने जारी किया बयान

दिल्ली सीएम ऑफिस ने एक बयान जारी कर गुरुवार को कहा कि राहत शिविरों में दिन में तीन से चार बार भोजन वितरित किया जा रहा है और शिविरों के पास शौचालय, स्वच्छ पेयजल और अन्य आवश्यक सेवाएं जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं.

बयान में कहा गया है कि पूर्वी दिल्ली में 7,200 लोग प्रभावित हुए हैं, जहां सात राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 5,200 लोग प्रभावित हुए हैं और अधिकारियों ने 13 राहत शिविर स्थापित किए हैं. दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में 4,200 लोग प्रभावित हुए हैं और आठ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.

उत्तरी दिल्ली में 1,350 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और उन्हें छह राहत शिविरों में रखा गया है. शाहदरा ज़िले में 30 लोग प्रभावित हुए हैं और एक राहत शिविर स्थापित किया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के परिणामस्वरूप, दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने यमुना के कच्चे पानी में गन्दगी और गाद के स्तर में वृद्धि के कारण वजीराबाद जल उपचार संयंत्र (WTP) में पानी का उत्पादन 20 प्रतिशत तक कम कर दिया है.

शहर के सबसे बड़े संयंत्रों में से एक, वज़ीराबाद संयंत्र सामान्यतः 138 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) पानी का उत्पादन करता है। उत्पादन में कमी के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति संबंधी समस्याएं पैदा हो गई हैं.

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