इजरायली सेना ने 13 जून की सुबह ईरान पर पहला हमला किया, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया. इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने 200 से अधिक फाइटर जेट्स के जरिए ईरान के 100 से ज़्यादा ठिकानों को निशाना बनाया. इनमें ज्यादातर ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकाने शामिल थे. इसके जवाब में ईरान ने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' शुरू किया, जिसके तहत इजरायल के कई प्रमुख शहरों पर ताबड़तोड़ हमले किए गए. हालात ऐसा इशारा कर रहे हैं ये दुनिया एक बड़े जंग के करीब है.
इजरायल और ईरान के बीच चल रही यह जंग सिर्फ भू-राजनीतिक तनाव नहीं है, बल्कि कहीं न कहीं यह धर्म और वर्चस्व की लड़ाई भी बनती जा रही है. दोनों ही देश अपने-अपने धार्मिक प्रतीकों और मान्यताओं का सहारा लेकर इस संघर्ष को वैचारिक आधार देने की कोशिश कर रहे हैं.
इजरायल खुद को यहूदियों की पवित्र भूमि बताता है और येरुशलम जैसे धार्मिक शहर पर अपने हक की बात करता है. वहीं, ईरान खुद को मुस्लिम दुनिया का अगुवा मानते हुए, इस्लामिक मान्यताओं और एकता का हवाला देकर मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ लामबंद करने की कोशिश करता है.अब इसका असर दोनों देशों के सैन्य अभियानों के नामों पर भी साफ दिखाई देता है. आइये समझते हैं इसके मायने क्या हैं.
ईरान ने हाल ही में इजरायल के खिलाफ 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' नामक एक सैन्य अभियान शुरू किया है. इस ऑपरेशन का मतलब और इसके पीछे के उद्देश्य को समझने के लिए हमें इसके नाम, संदर्भ और लक्ष्य पर ध्यान देना होगा.
'ट्रू प्रॉमिस' के क्या है मायने
'ट्रू प्रॉमिस' (सच्चा वादा) नाम इस्लामी परंपरा से लिया गया है. इस्लामी धर्मशास्त्र में 'सच्चा वादा' का संबंध कयामत के दिन से है,यानी वह दिन जब ईश्वर सभी इंसानों से उनके कर्मों के आधार पर हिसाब लेगा. इसे अंतिम न्याय का दिन भी कहा जाता है. ईरान ने इस नाम का इस्तेमाल अपनी सैन्य कार्रवाइयों के लिए किया है, जो उसके नजरिये में न्याय और प्रतिशोध का प्रतीक है.
ऑपरेशन 'ट्रू प्रॉमिस 3' क्या है?
यह इजरायल के खिलाफ ईरान की तीसरी प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई है, जो 'ट्रू प्रॉमिस 1' और 'ट्रू प्रॉमिस 2' के बाद शुरू किया गया है. पिछले अभियान अप्रैल 2024 और अक्टूबर 2024 में हुए थे.इसका मुख्य लक्ष्य इजरायल के सैन्य और खुफिया ठिकानों पर हमला करना था.
‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ का अर्थ
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम बाइबल की एक आयत से लिया गया है.इस आयत में कहा गया है कि देखो, लोग एक बड़े शेर की तरह उठेंगे, और एक जवान शेर की तरह खुद को ऊंचा उठाएंगे. वह तब तक नहीं सोएगा जब तक वह अपने शिकार को न खा ले और मारे गए लोगों का खून न पी ले.
‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ एक भविष्यवाणी से जुड़ा हुआ है. इसमें इस्राएल की ताकत और शक्ति की तुलना ऐसे शेर से की गई है, जो तब तक आराम नहीं करता जब तक अपनी भूख नहीं मिटा ले.