राजस्थान नें गहलोत सरकार ने साल 2022 के दौरान भर्ती हुआ 5 हजार 500 शारीरिक शिक्षकों के डॉक्यूमेंट जांचने का आदेश दिया है. जब तक सभी शारीरिक शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स की अच्छी तरह जांच नहीं हो जाती तब तक नौकरी में स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी पर भी लोक लगा दी गई है.
असल में भर्ती अभियान में 300 से ज्यादा शारीरिक शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी. पकड़े जाने के बाद FIR हुई और अब शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि सभी शिक्षकों की जांच की जाएगी. दरअसल, राजस्थान में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने PTI यानी शारीरिक शिक्षा अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा 2022 में बीपीएड डिग्रियों के एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया था.
ऐसे हुए फर्जीवाड़े का खुलासा
जांच अधिकारी और एसओजी के एएसपी धर्माराम गिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पूरे घटनाक्रम का खुलासा जेएस विश्वविद्यालय के सर्वर (आईपी एड्रेस) से डाउनलोड किए गए डेटा के आधार पर हुआ है.
एसओजी की जांच में पता चला कि 25 अभ्यर्थियों ने किसी दूसरे विश्वविद्यालय से बीपीएड का कोर्स पास किया लेकिन, जब बाद वेरिफिकेशन की आई तो उन्होंने जेएस विश्वविद्यालय की मार्कशीट अपलोड की. इसके अलावा करीब 26 कैंडिडेट्स ने अलग सेशन की डिग्रियां दी थीं. 9 कैंडिडेट्स की बीपीएड की मार्कशीट फर्जी निकली.
जेएस यूनिवर्सिटी के खिलाफ हो सकता है केस
43 अभ्यर्थियों की 2020-2022 सत्र की मार्कशीट परीक्षा तिथि 25 सितंबर 2022 के बाद की थी. अब एसओजी ने जेएस विश्वविद्यालय प्रशासन और 165 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में हैं. इसके अलावा 37 अभ्यर्थियों (सीरियल नंबर 166 से 202 तक) के खिलाफ डमी अभ्यर्थी बिठाने या फर्जी मार्कशीट प्राप्त की हो. इसका प्रकरण पूर्व के दर्ज है.
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