दक्षिण अमेरिकी देश चिली प्रशांत महासागर के किनारे कई हजार किलोमीटर तक फैला हुआ है. वैज्ञानिकों के अनुसार, चिली के मध्य और दक्षिणी तट कटाव का सामना कर रहे हैं. यह कटाव अगर इसी गति से होता रहा तो एक दशक के अंदर कम से कम 10 समुद्र तट गायब हो जाऐंगे. Photo: Reuters
तटीय कटाव में समुद्र की तेज लहरें, तूफान और अन्य कारणों से तट पर मौजूद रेत, मिट्टी, और चट्टानें बह जाती हैं. अरौकानिया के दक्षिणी क्षेत्र, प्यूर्टो सावेद्रा में तूफानी लहरों ने सड़कों और चट्टानों में गड्ढे बना दिए हैं. खारा पानी जंगलों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. Photo: Reuters
चिली के तटों पर समुद्री तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ रही है. कुछ लहरों की ऊंचाई 11 मीटर तक रिकॅार्ड की गई है, जो तटों को तेजी से काट रही हैं. Photo: Reuters
एल नीनो और ला नीना जैसे जलवायु चक्रों के कारण समुद्री तूफान अधिक शक्तिशाली हो रहे हैं. ये तूफान रेत को समुद्र में बहा ले जाते हैं, जिस कारण समुद्र तट सिकुड़ रहे हैं और समुद्र तल का स्तर बढ़ रहा है. Photo: Reuters
वैज्ञानिकों ने पाया कि पिछले कुछ दशकों में समुद्री लहरों की दिशा पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम (WSW) से दक्षिण-पश्चिम (SW) की ओर बदल रही है. यह बदलाव प्रशांत एंटीसाइक्लोन के दक्षिण की ओर खिसकने के कारण है, जिससे तटों पर कटाव बढ़ रहा है. Photo: Reuters
लहरों से बचाव के लिए समुद्री तट पर दीवार बनाए जाने वाली जगह पर लोगों को आने से रोकने के लिए 'काम चालू है' और 'आगे खतरा है' जैसे साइनबोर्ड गए हैं. Photo: Reuters
चिली का अल्गारोबो भी समुद्र तटों में कटाव का सामना कर रहा हैं. तेज समुद्री लहरों के कारण होने वाले कटाव को रोकने के लिए श्रमिक तट पर दिवार का निर्माण कर रहे हैं. Photo: Reuters
समुद्री तटों पर हो रहे अनियंत्रित निर्माण, जैसे होटल, रेस्तरां, और सड़कों ने प्राकृतिक रेत की आपूर्ति को बाधित किया है. तस्वीर में समुद्र के किनारे एक रेस्तरां में खाना खाते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं. Photo: Reuters
यूनिवर्सिडाड कैटोलिका के तटीय ऑब्जरवेट्री ने 67 समुद्र तटों पर अध्ययन किया, जिसमें सैटेलाइट तस्वीरें, भौगोलिक सर्वेक्षण (Topographic Surveys) और DSAS सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया. जिसमें पाया गया कि 86% तट सिकुड़ रहे हैं. Photo: Reuters
2010 के भूकंप और 2015-2022 के तूफानों ने समुद्री तटों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. 45 तटों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 80% तटों पर कटाव की दर 0.2 मीटर प्रति वर्ष से ज्यादा है. Photo: Reuters