शाहजहांपुर में धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश, लालच देकर बना रहे थे ईसाई, तीन आरोपी गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पहले बलरामपुर, फिर आगरा और अब शाहजहांपुर में एक धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शनिवार को तमिलनाडु के एक व्यक्ति सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी ईसाई मिशनरी समूह से जुड़े धर्मांतरण गिरोह को धन मुहैया कराने का काम करते थे.

शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि पुलिस जांच में कुछ ट्रस्टों द्वारा दी गई वित्तीय सहायता की पुष्टि होने के बाद इन आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. संदेह है कि इन लोगों को विदेश से भी पैसे मिले हैं. यह जांच एक हिंदू संगठन की शिकायत के आधार पर शुरू की गई. शिकायत में स्थानीय महिला किरण जोशुआ (37) का नाम था. 

आरोप है कि बांझपन, आर्थिक तंगी और घरेलू झगड़ों से जूझ रहे लोग किरण जोशुआ के पास प्रार्थना के लिए जाते थे. उन्हें विश्वास था कि उसमें किसी भी समस्या के इलाज करने की शक्ति है. धीरे‑धीरे उसकी प्रतिष्ठा इतनी बढ़ गई कि रविवार को बड़ी संख्या में लोग उसके यहां आने लगे. किरण पर आरोप है कि वो बीमारियों का इलाज कर लोगों का भरोसा जीत लेती थी. 

इसके बाद लोगों को गुमराह करके ईसाई धर्म अपनाने की सलाह देती थी. वो लोगों से कहती थी कि ईशू की वजह से वो लोगों की समस्याएं दूर कर पाती है. यदि लोग धर्म परिवर्तन करक ईसाई बनेंगे, तो उनको किसी तरह कि कोई समस्या आएगी ही नहीं. पुलिस ने 13 जुलाई को उसके घर पर छापा मारा तो प्रार्थना सामग्री, बाइबल और अन्य साहित्य बरामद किया. 

उसी दिन किरण और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, हालांकि मजिस्ट्रेट अदालत ने बाद में उन्हें जमानत दे दी. पुलिस की जांच में इस गिरोह के अन्य सदस्यों का पता चला जो दान के जरिए किरण की आर्थिक मदद करते थे. इसी कड़ी में शनिवार को पुलिस ने तमिलनाडु निवासी पद्मा नभान (45), लखीमपुर खीरी से किरण और शाहजहांपुर से अशनीत कुमार (25) को गिरफ्तार किया. 

पूछताछ में इन लोगों ने खुलासा किया कि उन्हें तमिलनाडु और मुंबई स्थित ट्रस्टों से धर्मांतरण के लिए आर्थिक सहायता मिलती थी. एसपी ने बताया कि पुलिस टीम आगे की पड़ताल कर रही है और अनुमान है कि गिरोह को विदेशों से भी फंडिंग मिली थी. पुलिस अब उन सभी चैनलों की तलाश कर रही है, जिनके जरिए इन आरोपियों तक पैसा पहुंचाया जा रहा था.

बताते चलें कि बलरामपुर जिले में छांगुर बाबा धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा हुआ था. इस गिरोह का नेटवर्क पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई से जुड़ा हुआ था. कई देशों से फंडिंग की जा रही थी. इस गिरोह का लक्ष्य भारत में इस्लाम का प्रसार करना था. इसके लिए हिंदू लड़कियों को टारगेट करके उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. आगरा में भी ऐसे ही सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था.

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