अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने पुष्टि की है कि उसे कतर में हमास वार्ताकारों पर इजरायल के हमले की पहले से सूचना दी गई थी, लेकिन उसने इस फैसले से सहमति नहीं जताई. मंगलवार को यह बयान उस हमले के कुछ घंटे बाद आया, जिसमें कतर की राजधानी दोहा के एक रिहायशी इलाके को निशाना बनाया गया था.
सीजफायर वार्ता का अहम केंद्र रहा है कतर
कतर, गाजा युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका समर्थित संघर्षविराम वार्ता का एक अहम मध्यस्थ रहा है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलीन लेविट ने बताया कि अमेरिका को इस हमले की जानकारी दी गई थी. उन्होंने कहा, 'ट्रंप प्रशासन को अमेरिकी सेना ने सूचित किया था कि इजरायल हमास पर हमला कर रहा है, जो दुर्भाग्य से दोहा के एक इलाके में मौजूद था.'
उन्होंने आगे कहा, 'कतर जैसे संप्रभु देश और अमेरिका के करीबी सहयोगी, जो शांति स्थापित करने में हमारे साथ कड़ी मेहनत कर रहा है और जोखिम उठा रहा है, पर एकतरफा बमबारी करना न तो इजरायल के हित में है और न ही अमेरिका के. हालांकि, हमास का खात्मा करना, जिसने गाजा के लोगों की तकलीफ से फायदा उठाया है, निश्चित रूप से एक सही मकसद है.'
'ट्रंप ने दिए थे कतर सरकार को आगाह करने के निर्देश'
लेविट ने बताया कि ट्रंप ने अपने विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को निर्देश दिया कि वे कतर सरकार को 'हमले की पूर्व सूचना' दें. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि उन्होंने किसी तरह की कार्रवाई की धमकी दी या नहीं. लेविट के मुताबिक, ट्रंप का मानना है कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना शांति का अवसर भी बन सकती है.'
बाल-बाल बच गई हमास के वार्ताकारों की टीम
हमास ने दावा किया कि हमले में उसके पांच सदस्य मारे गए, लेकिन उसकी मुख्य वार्ताकार टीम बच गई. मृतकों में एक कतरी सुरक्षा अधिकारी भी शामिल था, जिसकी पुष्टि कतर के गृह मंत्रालय ने की. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल अंसारी ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे 'कायराना' बताया और कहा कि इजरायल का यह हमला कतर के नागरिकों के लिए गंभीर खतरा है.
हमले के 10 मिनट बाद मिली चेतावनी
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने मंगलवार (9 सितंबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मध्यस्थता के प्रयास कतर की पहचान का हिस्सा हैं और इस भूमिका में कुछ भी बाधा नहीं डाल सकता. अल-थानी ने यह भी कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने कतर को हमले के बारे में पहली चेतावनी तब दी, जब हमला शुरू हुए 10 मिनट बीत चुके थे. उन्होंने इस हमले को 'विश्वासघाती' करार दिया.
मुश्किल में पड़ सकती है सीजफायर वार्ता
इस हमले की निंदा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख क्षेत्रीय देशों ने भी की. माना जा रहा है कि यह हमला गाजा में संघर्षविराम वार्ता और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस कोशिश को पटरी से उतार सकता है, जिसके तहत वे इजरायल और हमास के बीच करीब दो साल पुराने संघर्ष को बातचीत से खत्म करना चाहते हैं.
कतर अमेरिका का एक प्रमुख सुरक्षा साझीदार है और यहां अल-उदीद एयरबेस स्थित है, जो मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है. मिस्र के साथ मिलकर कतर गाजा में संघर्षविराम वार्ता का मध्यस्थ रहा है, हालांकि अब यह लक्ष्य और मुश्किल होता जा रहा है.
हमास को ट्रंप की चेतावनी
यह हमला ट्रंप की ओर से हमास वार्ताकारों को नई सीजफायर डील को लेकर चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद ही हुआ. अमेरिका लगातार हमास को बातचीत में देरी का जिम्मेदार ठहराता रहा है, जबकि इजरायल पर वार्ता को बार-बार पटरी से उतारने के आरोप लगते रहे हैं.
रविवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था, 'इजरायल ने मेरी शर्तें मान ली हैं. अब समय आ गया है कि हमास भी मान ले.' उन्होंने आगे कहा, 'मैंने हमास को नतीजों के बारे में चेतावनी दे दी है और यह मेरी आखिरी चेतावनी है.'
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