नेपाल में Gen Z युवाओं के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों ने देश को गंभीर राजनीतिक संकट में धकेल दिया है. भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ छिड़े इस आंदोलन में अब तक 22 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हो गए हैं. प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांगें अभी भी सामने नहीं हैं. ऐसे में नेपाली सेना ने मध्यस्थता की भूमिका निभाते हुए एक नई पहल की और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. वहीं, सेना ने बताया कि नेपाली सेना ने काठमांडू एयरपोर्ट को भी अपने कंट्रोल में ले लिया है.
सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने मंगलवार देर रात Gen Z प्रतिनिधियों के साथ गोपनीय बैठक की, जिसमें उनकी मांगों को समझने की कोशिश की गई. अब सेना राष्ट्रपति और Gen Z प्रतिनिधियों की बातचीत की तैयारियां कर रही है.
उन्होंने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य प्रदर्शनकारियों की मांगों को सीधे सुनना और बातचीत की राह तैयार करना था. इसके बाद सिग्देल ने एक वीडियो बयान में कहा, 'प्रदर्शनों के दौरान व्यापक क्षति हुई है. हम जेन जेड युवाओं से शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए से समाधान खोजने की अपील करते हैं. सेना राष्ट्र की संप्रभुता, एकता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.' आज राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और Gen Z प्रतिनिधियों के बीच सेना की मध्यस्थता में वार्ता की तैयारी चल रही है.
'उठाए जाएंगे कड़े कदम'
सेना के अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने भी संयुक्त अपील जारी की, जिसमें प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और संवाद के जरिए संकट सुलझाने की अपील की गई है.
सिग्देल ने चेतावनी भी दी कि यदि हिंसा जारी रही तो सेना और अन्य सुरक्षा बल स्थिति नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे. मंगलवार रात को सेना ने काठमांडू की सड़कों पर तैनाती बढ़ा दी और प्रदर्शनकारियों को घेरकर नियंत्रित किया.
काठमांडू एयरपोर्ट पर सेना का कंट्रोल
सेना ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार शाम को एयरपोर्ट कैंपस में घुसने की कोशिश की के बाद सेना ने त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अपने कंट्रोल कर लिया है. नई दिल्ली और काठमांडू के बीच प्रतिदिन छह उड़ानें संचालित करने वाली एयर इंडिया ने मंगलवार को चार उड़ानें रद्द कर दीं। इंडिगो और नेपाल एयरलाइंस ने भी दिल्ली से काठमांडू के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दीं.
क्या है मामला
दरअसल, कुछ दिनों पहले सरकार ने फेक न्यूज और घृणा फैलाने के नाम पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स जैसी 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके विरोध में युवा पीढ़ी ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला माना और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
प्रदर्शन सोमवार को काठमांडू की सड़कों पर हिंसक हो गए. युवा प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और मंत्रियों के घरों पर हमला किया, आगजनी की और लूटपाट मचाई. पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट्स और बल प्रयोग किया, जिसमें 19 से अधिक मौतें हुईं. मंगलवार को प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे. कर्फ्यू लगाया गया है, और सेना ने सुरक्षा की कमान संभाल ली है. इसके इतर हिंसक प्रदर्शनों के बीच सरकार ने सोमवार रात को सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटा लिया.
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