'US को 2002 में लगा कि भारत-PAK के बीच युद्ध शुरू हो जाएगा...', पूर्व CIA अधिकारी का बड़ा खुलासा

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अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकू ने खुलासा किया है कि साल 2002 में भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे. यह वक्त संसद हमले और उसके बाद चले ऑपरेशन पराक्रम का था. उन्होंने बताया कि हालात इतने तनावपूर्ण थे कि अमेरिका ने इस्लामाबाद से अपने राजनयिक परिवारों को तुरंत निकाल लिया था.

किरियाकू, जो 9/11 हमले के बाद पाकिस्तान में सीआईए की काउंटर-टेरर ऑपरेशन टीम के प्रमुख थे, ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा – “हमें सच में लगा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ने वाला है. इसी वजह से अमेरिका के उप विदेश मंत्री भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार यात्रा कर समझौता कराने की कोशिश कर रहे थे.”

उन्होंने यह भी माना कि उस समय अमेरिका का ध्यान पूरी तरह अल-कायदा और अफगानिस्तान पर था, और इसी वजह से भारत से जुड़े मामलों को बहुत कम प्राथमिकता दी गई. किरियाकू बोले, “हम अल-कायदा में इतने उलझे थे कि भारत पर दो बार भी ध्यान नहीं दिया.”

पाकिस्तान आतंक फैला रहा था, कोई कुछ नहीं बोला

जॉन किरियाकू ने आगे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों पर बात करते हुए कह, ”अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को साफ था कि इसके पीछे पाकिस्तान से संचालित कश्मीरी आतंकी संगठन है. यह अल-कायदा नहीं था, ये पाकिस्तान समर्थित कश्मीरी ग्रुप थे और वही सच निकला. पाकिस्तान भारत में आतंकवाद फैला रहा था, लेकिन दुनिया खामोश थी.”

सीआईए अधिकारियों ने उस वक्त भारत की नीति को ‘स्ट्रैटेजिक पेशेंस’ यानी ‘रणनीतिक संयम’ कहा था. मतलब भारत उकसावे के बावजूद शांत रहा. किरियाकू बोले, “भारत ने संसद और मुंबई हमले के बाद संयम दिखाया, लेकिन अब वक्त आ गया है कि भारत का संयम उसकी कमजोरी न समझा जाए.”

अगर जंग हुई, तो पाकिस्तान हारेगा

किरियाकू ने कहा कि पाकिस्तान भारत से पारंपरिक युद्ध में नहीं जीत सकता. उन्होंने कहा, “अगर भारत-पाकिस्तान में असली जंग हुई, तो पाकिस्तान को हारना ही पड़ेगा. मैं परमाणु हथियारों की नहीं, पारंपरिक सेना की बात कर रहा हूं. पाकिस्तान के पास भारत जैसी ताकत बिल्कुल नहीं है.”

EP-10 with Former CIA Agent & Whistleblower John Kiriakou premieres today at 6 PM IST

“Osama bin Laden escaped disguised as a woman...” John Kiriakou

“The U.S. essentially purchased Musharraf. We paid tens of millions in cash to Pakistan’s ISI...” John Kiriakou

“At the White… pic.twitter.com/pM9uUC3NIC

— ANI (@ANI) October 24, 2025

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत को भड़काना बंद करना चाहिए, क्योंकि उसे कोई फायदा नहीं मिलने वाला है.

उन्होंने भारत की हाल की आत्मरक्षा वाली कार्रवाइयों, जैसे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक, और मई 2025 के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए कहा, “भारत ने बार-बार दिखाया है कि वह सीमा पार आतंक या परमाणु धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा.”

पाकिस्तान की दोहरी भूमिका: दो आईएसआई

किरियाकू ने पाकिस्तान के खुफिया तंत्र की सच्चाई भी सामने रखी. उन्होंने कहा, “वहां दो ISI (आईएसआई) थीं - एक जिसे सैंडहर्स्ट और एफबीआई ने प्रशिक्षित किया था, और दूसरी जो लम्बी दाढ़ी वाले लोगों से भरी थी, जिन्होंने जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को खड़ा किया.”

उन्होंने 2002 की लाहौर रेड को याद करते हुए बताया कि “हमने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को पकड़ा था जिनके पास अल-कायदा का ट्रेनिंग मैनुअल था. यही वो सबूत था जिससे पहली बार पाकिस्तान सरकार और अल-कायदा के बीच रिश्ता साबित हुआ.”

किरियाकू ने कहा कि इसके बावजूद अमेरिका ने तब कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि व्हाइट हाउस ने फैसला किया था कि “हमें पाकिस्तान की जरूरत थी, उनसे संबंध भारत से ज्यादा अहम थे.”

जॉन किरियाकू कौन हैं?

जॉन किरियाकू ने 15 साल तक सीआईए में काम किया. 9/11 के बाद वे पाकिस्तान में आतंकवाद रोधी अभियानों के प्रमुख रहे और पेशावर, कराची, लाहौर, फैसलाबाद और क्वेटा जैसे शहरों में कई ऑपरेशन चलाए. 2007 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से सीआईए द्वारा कैदियों पर ‘टॉर्चर’ का इस्तेमाल उजागर किया, जिसके बाद उन्हें 23 महीने की जेल हुई. आज वे इसे लेकर कहते हैं, “मुझे कोई पछतावा नहीं.”

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