'अमेरिका ने अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मार ली...', भारत पर ट्रंप के टैरिफ पर बोले अमेरिकी अर्थशास्त्री

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इस समय लगभग पूरी दुनिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से त्रस्त है. अमेरिका ने भारत पर भी 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. इस बीच अमेरिका के अर्थशास्त्री रिचर्ड वॉल्फ (Richard Wolff) ने अमेरिका की आर्थिक नीति की कड़ी आलोचना की.

रिचर्ड वॉल्फ ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने पर अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत के खिलाफ अमेरिका बेहद सख्त तरीके से पेश आ रहा है. लेकिन असल में वह अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है. क्योंकि अमेरिका के इस कदम ने ब्रिक्स को पश्चिम के लिए एक आर्थिक विकल्प के रूप में उभरने के लिए प्रेरित किया है. 

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत को रूस से दूरी बनाने के लिए दबाव डाला, लेकिन भारत नहीं झुका. लेकिन वह क्यों झुकेगा? क्योंकि किससे तेल खरीदना है, यह तय करने का अधिकार अमेरिका को नहीं है. 

Economist RIchard Wolff tells RT that America is "hothousing" BRICS with its aggressive tariff threats.

"If you shut off the US to India by big tariffs, it will have to find new places to sell its exports.

Just like Russia found new markets, India will sell its exports not to… pic.twitter.com/xEO4lGp0zS

— Margarita Simonyan (@M_Simonyan) August 28, 2025

रिचर्ड ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत आबादी के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश है. अगर अमेरिका, भारत के लिए अपने रास्ते बंद कर देता है, तो भारत अपने निर्यात बेचने के लिए अन्य जगहें ढूंढ लेगा और यह कदम ब्रिक्स देशों को और मजबूत करेगा.

उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह कदम उन पर ही भारी पड़ता दिख रहा है. क्योंकि भारत आबादी और आर्थिक विकास के मामले में एक ताकतवर देश है, जो इस तरह के दबाव के सामने झुकेगा नहीं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह रूस ने अपना तेल खरीदने और बेचने के लिए एक और स्थान ढूंढ लिया है, उसी तरह भारत भी अब निर्यात अमेरिका को नहीं, बल्कि शेष ब्रिक्स देशों को बेचेगा.

मालूम हो कि ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात है. इस समूह का उद्देश्य पश्चिमी वित्तीय प्रभुत्व का मुकाबला करना है.

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