नौसेना को नई धार, स्वदेशी युद्धपोत ‘माहे’ ने बढ़ाई भारत की समुद्री ताकत

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भारतीय नौसेना के बेडे़ में 'माहे' जहाज़ को शामिल किया गया है. कोच्चि में बनी ‘माहे’ नाम की पनडुब्बी रोधी युद्धपोत भारतीय नौसेना को सौंपी गई है. यह आत्मनिर्भर भारत के तहत पूरी तरह देश में बनी पहली जहाज़ है.

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 ITG)

नौसेना को मिला स्वदेशी तोहफा (Photo: ITG)

भारत की नौसेना को इस हफ्ते एक बड़ी ताकत मिली है. देश में ही बनी एक नई युद्धपोत शृंखला की पहली जहाज़ "माहे" अब नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई है. इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने कोच्चि में तैयार किया है. आने वाले सालों में ऐसी कुल आठ जहाज़ नौसेना का हिस्सा बनेंगी.

इस जहाज़ का नाम पुदुचेरी के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर "माहे" के नाम पर रखा गया है, जो भारत की समुद्री परंपरा और बढ़ती तकनीकी क्षमता को दिखाता है. लगभग 78 मीटर लंबा और करीब 1100 टन वज़नी यह जहाज़ छोटा जरूर है, लेकिन बेहद शक्तिशाली है.

माहे में पनडुब्बियों से निपटने वाले टॉरपीडो और मल्टी-फंक्शनल रॉकेट लगे हैं. इसमें ऐसे रडार और सोनार सिस्टम भी हैं जो पानी के नीचे छिपे खतरों को बड़ी सटीकता से पकड़ सकते हैं. यह जहाज़ समुद्र के नीचे निगरानी करने, ज़रूरत पड़ने पर नौसेना की माइन्स बिछाने और तटीय इलाकों में छोटे पैमाने पर सैन्य अभियान चलाने में भी सक्षम है.

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माहे पूरी तरह भारत में बनी "एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट" शृंखला की पहली जहाज़ है. इसकी 80 प्रतिशत से ज़्यादा तकनीक और उपकरण देश में ही बने हैं. यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा उत्पादन में देश की मज़बूती की बड़ी मिसाल है.

Another significant boost to India's Naval Power!

The first of eight indigenous Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft being constructed by @cslcochin, 'Mahe' was delivered to the #IndianNavy on #23Oct 25.
This advanced vessel will safeguard our coastal waters with cutting… pic.twitter.com/rKltl3NnVu

— SpokespersonNavy (@indiannavy) October 24, 2025

इस जहाज़ के जुड़ने से भारत की नौसेना को देश के तटीय इलाकों में दुश्मन की पनडुब्बियों की गतिविधियों का पता लगाने और उनका मुकाबला करने में बड़ी मदद मिलेगी. इसे 23 अक्टूबर को कोच्चि में भारतीय नौसेना को सौंपा गया, जबकि बाकी सात जहाज़ अगले कुछ सालों में शामिल किए जाएंगे.
 

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