'नई पीढ़ी के रंगीन सपनों को ब्लैक-एंड-व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते... स्क्रीन बदलनी होगी', SCO में बोले PM मोदी

6 days ago 1

चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 25वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों को संबोधित किया. अपने भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग का शानदार स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर जोर दिया और कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचे में कैद रखना आने वाली पीढ़ियों के साथ नाइंसाफी है. पीएम मोदी ने कहा कि 'नई पीढ़ी के बहुरंगी सपनों को पुरानी ब्लैक-एंड-व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखाया जा सकता, इसलिए स्क्रीन बदलनी होगी'.

'SCO के तीन स्तंभ- सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर'

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 24 वर्षों में SCO ने यूरेशिया क्षेत्र को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है और भारत ने हमेशा इसमें सकारात्मक और रचनात्मक योगदान दिया है. प्रधानमंत्री ने भारत की SCO नीति के तीन स्तंभ बताए- S यानी Security (सुरक्षा), C यानी Connectivity (कनेक्टिविटी) और O यानी Opportunity (अवसर). 

उन्होंने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता विकास की नींव हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद इस राह की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं. मोदी ने दो टूक कहा कि आतंकवाद पर किसी भी तरह के डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं होंगे और सभी देशों को एकजुट होकर इसका हर रूप में विरोध करना होगा.

'SCO के भीतर बनाया जाए एक सिविलाइजेशनल डायलॉग फोरम'

कनेक्टिविटी पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत संपर्क केवल व्यापार ही नहीं, बल्कि विश्वास और विकास का रास्ता खोलते हैं. उन्होंने चाबहार पोर्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का जिक्र किया और स्पष्ट किया कि किसी भी कनेक्टिविटी पहल में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान जरूरी है.

‘O’ यानी Opportunity पर बात करते हुए मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान स्टार्ट-अप्स, पारंपरिक चिकित्सा, डिजिटल इन्क्लूजन और युवाओं के सशक्तिकरण जैसे नए विषय SCO सहयोग का हिस्सा बने. उन्होंने सुझाव दिया कि SCO के भीतर एक 'सिविलाइजेशनल डायलॉग फोरम' बनाया जाए, ताकि सदस्य देश अपनी प्राचीन सभ्यताओं और परंपराओं को साझा कर सकें.

'ब्लैक-एंड-व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते नई पीढ़ी के सपने'

मोदी ने कहा कि भारत 'Reform, Perform और Transform’ के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है और लगातार सुधारों से विकास के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अवसर भी बढ़े हैं. उन्होंने SCO को समय के साथ विकसित होने पर सराहा और कहा कि संगठित अपराध, ड्रग तस्करी और साइबर सिक्योरिटी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नए केंद्र बनना स्वागत योग्य कदम है.

आखिर में प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम एकमत होकर UN रिफॉर्म का आह्वान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आउटडेटेड फ्रेमवर्क्स में कैद रखना भावी पीढ़ियों के प्रति घोर अन्याय है. नई पीढ़ी के बहुरंगी सपनों को हम पुराने जमाने की ब्लैक-एंड-व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते, स्क्रीन बदलनी होगी.

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