"मैंने तो एक गरीब चंद्रशेखर को पसंद किया था. मैंने सांसद चंद्रशेखर को पसंद नहीं किया था. मैंने उस चंद्रशेखर को पसंद किया था उस वक्त जो एक टीशर्ट पहनकर गरीबी में अपनी फैमिली के बीच, या अपने गांव के घर में बैठकर मुझसे वीडियो कॉल करते थे और मैं स्विटजरलैंड में थी."
"जो लोग मुझपर पैसों का एलिगेशन लगाते हैं न उनके लिए भी ये महत्वपूर्ण है कि लड़की का समर्पण... लड़की की जर्नी को आप सुनना ही नहीं चाहते हो आप सिर्फ और सिर्फ उस पर एलिगेशन लगाते हो. "
"मैं एक कॉमन पर्सन की तरह अपनी बात रखती हूं और मैं चाहती हूं कि वो मेरे लिए भी कॉमन पर्सन हैं."
स्विटजरलैंड के पार्क में बैठकर, ड्यूटी के बीच छुट्टी निकालकर इंटरव्यू दे रही ये लड़की डॉ रोहिणी घावरी हैं. डॉ रोहिणी की पैदाइश इंदौर में एक सफाईकर्मी माता-पिता के घर हुई. अपने टैलेंट के दमपर चमकने वाली रोहिणी को सरकार से एक करोड़ की स्कॉलरशिप पीएचडी करने के लिए मिली. 2019 में पढ़ाई के लिए स्विटजरलैंड गईं. और वह अभी स्विटजरलैंड में ही रहकर नौकरी कर रही हैं. इस दौरान वह दलित मुद्दों पर काम करने के लिए एक एनजीओ भी चलाती हैं.
डॉ रोहिणी का कहना है कि वह दलित मुद्दों पर काम करते हुए चंद्रशेखर के संपर्क में आईं. रोहिणी की माने तो उन्होंने दलित आंदोलन पर चंद्रशेखर के साथ मिलकर काफी काम किया है और उन्हें काफी सहयोग देती रहीं.
एमपी तक के साथ बातचीत में रोहिणी ने बताया कि उन्होंने भीम आर्मी का सिंबल चुनने और चंद्रशेखर की चुनावी रणनीति बनाने में उनकी काफी मदद की.
रोहिणी कहती हैं कि साथ काम करने के दौरान वे एक दूसरे के दौरान डीप रिलेशनशिप में आ गईं. लेकिन उन्हें चंद्रशेखर के शादीशुदा होने की जानकारी नहीं थी.
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे बताया नहीं, बहुत बाद में पता चला, जब हम बहुत डीप रिलेशन में जा चुके थे. वो भी और मैं भी. जब मुझे पता चला तो मैंने विरोध किया. मैं नहीं रहना चाहती थी. क्यों मैं इस तरह के कलंक के साथ रहती, जब मैंने अपना व्हाइट पेपर इमेज रखी है बचपन से. मुझे करना होता तो मैं बीबीए के दौरान करती, फॉरेन ट्रेड किया उस समय करती, पीएचडी कर रही थी तो फॉरेनर्स के बीच रहकर इस डिसीजन को क्यों लेती."
रोहिणी ने कहा कि जब उन्हें चंद्रशेखर के शादीशुदा होने की बात पता चली तो वे ब्रेकअप करना चाहती थीं. लेकिन तब चंद्रशेखर उन्हें मना कर रहे थे.
रोहिणी के अनुसार,"जब पता चला तो चंद्रशेखर उस समय बहुत टूट चुके थे. उन्होंने कहा था अगर तुम इस रिश्ते को तोड़ती हो...छोड़ती हो... और उसय की सिचुएशन सब जानते हैं. उनकी पार्टी के लोग जानते हैं कि वो कितने डिप्रेशड हो गए थे. जब मैंने उनको छोड़ने का फैसला किया. फिर रोना. धमकी देना. फिर मुझे मजबूरी हो जाती है प्रूफ, एविडेंस दिखाने की. क्योंकि लोग बात सुनना नहीं चाहते हैं. लोग सिर्फ राजनीति और नेता देख रहे हैं."
रोहिणी का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने उनका शोषण किया है. रोहिणी ने यह भी दावा किया है कि कई लड़कियां उनसे संपर्क कर रही हैं. इन लड़कियों का भी दावा है कि चंद्रशेखर ने उनके साथ शोषण किया है.
चंद्रशेखर आजाद का जवाब
डॉ रोहिणी घावरी के आरोपों पर सांसद चंद्रशेखर आजाद का जवाब आया है. उन्होंने कहा, "देखिए ये महिला सम्मान का विषय है और मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि आप से गलती से भी किसी महिला का अपमान न हो, मैं कोशिश करूंगा कि मेरी वजह से किसी का दिल न दुखे. क्योंकि ये मेरा व्यक्तिगत मामला है इसलिए मैं जो भी बात कहूंगा वो महिला का सम्मान रखते हुए, उसके गरिमा का सम्मान रखते हुए मैं कोर्ट में ही अपनी बात रखूंगा."
जब रोहिणी से पूछा गया कि क्या उनके आरोपों पर चंद्रशेखर ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की. तो उन्होंने कहा कि वे खुद तो संपर्क नहीं कर रहे हैं लेकिन दूसरे लोगों के जरिये उनसे संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं.
रोहिणी कहती हैं, "चंद्रशेखर कुछ लोगों के माध्यम से मैसेज भेज रहे हैं और कह रहे हैं कि उसको बोलो कि इन चीजों से मेरा कुछ भी नहीं होगा, मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा, उसी का नुकसान होगा. उसका करियार बर्बाद हो जाएगा. उसकी दो छोटी बहनें हैं... लेकिन मैंने कहा ये लड़ाई मेरी है, मैं तो समाज को बताऊंगी कि मैं क्यों आरोप लगा रही हूं, जो नुकसान होगा, मेरी बहनों की शादी नहीं होगी न ज्यादा से ज्यादा, मेरी शादी नहीं होगी, फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन मैं तो सच तो बोलूंगी, लड़ूंगी अपनी लिए."
कैसे पनपा रिश्ता?
चंद्रशेखर के साथ संबंधों की शुरुआत की कहानी बताते हुए रोहिणी कहती हैं कि, "वो कहा जाता है न कि अच्छाई के साथ बुराई भी हमारी जिंदगी में आ जाता है, ये जिंदगी का हिस्सा है, 2021 से मैं चंद्रशेखर के साथ रिलेशनशिप में हूं, हमनें बहुत UPS एंड DOWN देखे लाइफ में. 2021 में तो उनका पॉलिटिकल करियर ज्यादा हाइप में नहीं था. वो खुद भी स्ट्रगल कर रहे थे. एक मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई फिर जैसे नॉर्मल रिलेशनशिप में होता है एक इमोशनल कनेक्शन बना. लेकिन बाद में मुझे जब ये चीजें समझ में आई. हमारा रिलेशन सामाजिक आंदोलन के लिए ज्यादा था. हम दोनों ही बहुजन मूवमेंट के लिए काम कर रहे थे. हमारी जर्नी में ये सारी चीजें बड़ा रोल प्ले कर रही थीं."
कैसे बदले चंद्रशेखर
रोहिणी बताती हैं कि, 'चंद्रशेखर के सांसद बनने के 6 महीने पहले से ही उनके व्यवहार में बदलाव आया. इसके बाद मैं काफी परेशान हुई और डिप्रेशन में चली गई. क्योंकि एक वक्त मैं जिस इंसान के साथ डिसीजन मेकर बनी हुई थी. पॉलिटिकल और सोशल डिसीजन में रोल प्ले कर रहे थे. वो अचानक क्या हुआ. जब हम दोनों रिलेशनशिप में आए, आपने ही बड़ी बड़ी बातें कि बाबा साहेब आम्बेडकर के आंदोलन को चलाना है. फिर आपने ही कहा था कि बाबा साहेब आम्बेडकर ने दो शादी की थी तो हम क्यों नहीं कर सकते. ये सब चीजें आनी शुरू हुई, क्योंकि मुझे पहले पता नहीं था कि चंद्रशेखर की शादी हुई है, अगर मुझे पता होता तो इस रिश्ते की शुरुआत ही नहीं होती."
रोहिणी कहती हैं कि अब उनकी लड़ाई उस सोच के खिलाफ भी है कि जब दुनिया जज करती है तो महिलाओं को ही जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन महिलाएं ही क्यों? क्या मैं महिला हूं तो सारे आरोप मैं ही झेलूं. साामाजिक जीवन में, व्यक्तिगत जीवन. मैं अब इतना झेल चुकी हूं कि मैं शादी भी नहीं करना चाहती हूं. मेरा जीवन अंधकारमय हो चुका है.