राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने जोधपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए देश के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ, पंजाब में धर्मांतरण और मादक पदार्थों के बढ़ते प्रभाव, साथ ही भारतीय भाषाओं को शिक्षा में बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में सकारात्मक बदलाव और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों पर भी चर्चा की.
उन्होंने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था, उस वक्त भी सभी संगठनों में कार्यरत महिलाओं ने देशभर में अनेक स्थानों पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए, ताकि एक अच्छा और देशभक्ति का माहौल बने. अनेक स्थानों पर लगभग 887 बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें महिलाओं ने विशेष रूप से भाग लिया... इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर भी चर्चा हुई.
सुनील अंबेकर ने रविवार को अखिल भारतीय समन्वय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'बांग्लादेश में लगातार बदल रही परिस्थितियों का असर बंगाल पर भी पड़ रहा है. बंगाल में बड़ी संख्या में अवैध घुसपैठिए रह रहे हैं और उनके कारण होने वाली सामाजिक अशांति को तत्काल रोकना जरूरी है.' उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर उत्पन्न समस्याओं और कानून-व्यवस्था से जुड़े सवालों पर भी चिंता व्यक्त की. अंबेकर ने कहा, 'सभी ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है.'
धीरे-धीरे शांत हो रहा है पूर्वोत्तर
पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में अंबेकर ने सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में विभिन्न संगठनों ने इन राज्यों में किसी न किसी रूप में काम शुरू किया है. पहले वहां होने वाले अलगाववादी आंदोलन अब धीरे-धीरे शांत हो रहे हैं और कई क्षेत्रों में प्रगति व विकास का माहौल बन रहा है. ये एक स्वागत योग्य बदलाव है, जिसे आरएसएस और इससे प्रेरित संगठन और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
#WATCH | Jodhpur, Rajasthan: In a press conference, RSS Prachar Pramukh Sunil Ambekar says, "In the meeting, the workers of all the organisations have presented their observations in their respective fields... All the organisations are constantly trying to involve women in the… pic.twitter.com/QKSNKBEWmX
— ANI (@ANI) September 7, 2025भारतीय भाषाओं को शिक्षा में महत्व
उन्होंने भारतीय भाषाओं को शिक्षा में महत्व देने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि आरएसएस और इससे प्रेरित संगठनों की यह लगातार मांग रही है कि सभी भारतीय भाषाओं को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में महत्वपूर्ण स्थान मिलना चाहिए. इसके लिए विशेषज्ञों और सरकार के साथ बातचीत कर सहमति बनाने और जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अंबेकर ने जोर देकर कहा, 'हमारा लक्ष्य है कि देश के आम लोग अपनी भाषा में शिक्षा प्राप्त कर सकें.'
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंबेकर ने महिलाओं की भागीदारी और उनके मुद्दों पर संगठनों के प्रयासों की भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि सभी संगठन, विशेष रूप से आरएसएस, महिलाओं को शीर्ष पदों पर शामिल करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर संघ से प्रेरित संगठन 'क्रिड़ा भारती' ने पिछले साल देश में महिला खिलाड़ियों पर एक विशेष अध्ययन किया और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की. अंबेकर ने कहा, 'महिलाओं के मुद्दों पर सभी संगठन सक्रियता से काम कर रहे हैं.'
पंजाब के हालातों पर जताई चिंता
पंजाब के हालात पर चर्चा करते हुए अंबेकर ने विभिन्न संगठनों द्वारा साझा किए गए अनुभवों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि राज्य में चल रहे धर्मांतरण और इसके कारण उत्पन्न हुई सामाजिक अशांति पर चिंता व्यक्त की है. इसके साथ ही युवाओं में नशे के बढ़ते प्रभाव और इसके प्रचलन के कारण दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. ये राज्य की सबसे गंभीर समस्या है.
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