मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीसीसीआई से उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ आबादी के लिए चार रणजी टीमों की मांग की. इकाना स्टेडियम में अप T20 कार्यक्रम के दौरान रखी गई इस मांग का पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रजा ने स्वागत किया. खेल प्रेमियों में उत्साह है, अब फैसला बीसीसीआई पर निर्भर है.
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UP T20 लीग के फाइनल मैच में पहुंचे सीएम योगी. ( PC- @myogiadityanath)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य के लिए एक रणजी टीम पर्याप्त नहीं है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में मांग रखी कि उत्तर प्रदेश से कम से कम चार रणजी टीमें बनाई जानी चाहिए ताकि राज्य की युवा प्रतिभाओं को अधिक अवसर मिल सके.
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को इकाना स्टेडियम में आयोजित UP T20 लीग के फाइनल मुकाबले में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए बीसीसीआई से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए चार टीमों का गठन किया जाए.
उन्होंने कहा कि “25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए सिर्फ एक रणजी टीम होना न्यायसंगत नहीं है. हमारे यहां लाखों युवा क्रिकेट खेलते हैं और उनमें से बहुतों को सही मंच ही नहीं मिल पाता. अगर चार टीमें होंगी तो खिलाड़ियों को ज्यादा मौके मिलेंगे और भारतीय क्रिकेट को भी फायदा होगा.”
मुख्यमंत्री की इस मांग को भाजपा नेता और पूर्व राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी मोहसिन रजा ने सराहा है. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों के दिल की बात कह दी है. मोहसिन रजा, जो खुद योगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं, लंबे समय से यह मुद्दा उठाते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में चार रणजी टीमें होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पहले से तीन-तीन टीमें हैं. जब वहां यह संभव है तो उत्तर प्रदेश में चार टीमें क्यों नहीं हो सकतीं?”
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बीसीसीआई से मुख्यमंत्री की यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अगर यह मंजूर हो जाती है तो यूपी के अलग-अलग हिस्सों में क्रिकेट का स्तर और ऊंचा होगा. छोटे शहरों और कस्बों में छिपी प्रतिभाओं को भी मंच मिलेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि चार टीमों का गठन होने से राज्य के क्रिकेट ढांचे में बड़े सुधार होंगे. घरेलू क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, खिलाड़ियों की संख्या और चयन प्रक्रिया पारदर्शी होगी और साथ ही ग्रामीण इलाकों तक भी क्रिकेट का दायरा फैलेगा.
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