पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक और जिला अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी के एक विवादित बयान ने सियासी तनाव बढ़ा दिया है. मालतीपुर विधानसभा क्षेत्र के इनायतनगर में आयोजित एक विरोध रैली में बख्शी ने बीजेपी नेताओं पर तीखा हमला बोला.
टीएमसी का आरोप है कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाल के प्रवासी मजदूरों खासकर, मुस्लिमों को बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है. ममता बनर्जी की पार्टी ने बंगालियों पर कथित अत्याचार और बंगाली भाषा के अपमान का आरोप लगाकर पूरे राज्य में विरोध रैलियों का आयोजन किया था. ऐसी ही एक रैली में अब्दुर रहीम बख्शी ने यह विवादित टिप्पणी की.
उन्होंने सिलीगुड़ी के बीजेपी विधायक शंकर घोष के बंगाल विधानसभा में दिए एक पुराने बयान का जिक्र किया. अब्दुर रहीम बख्शी ने बिना नाम लिए बीजेपी विधायक शंकर घोष पर निशाना साधते हुए कहा, 'एक बीजेपी नेता बेशर्मी से कहता है कि बंगाल के 30 लाख प्रवासी मजदूर बंगाली नहीं हैं, वे रोहिंग्या या बांग्लादेशी हैं. अगर मैंने बीजेपी नेताओं से यह दोबारा सुना तो मैं उनके मुंह में एसिड डालकर उनकी आवाज को राख कर दूंगा. याद रखो यह पश्चिम बंगाल है. हम बंगाली तुम्हें बोलने का मौका नहीं देंगे. मैं तुम्हारे चेहरे पर एसिड डाल दूंगा.'
अब्दुर रहीम बख्शी ने लोगों से बीजेपी नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने और उनकी पार्टी के झंडे फाड़ने का आह्वान किया. इतना ही नहीं, उन्होंने बीजेपी सांसदों पर शारीरिक हमले की भी चेतावनी दी. बख्शी ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगालियों की हत्या हो रही है, लेकिन बंगाल में बीजेपी समर्थक इस पर चुप हैं. उन्होंने कहा, 'इसीलिए इस क्षेत्र में बीजेपी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
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TMC राजनीतिक हिंसा को सामान्य बना रही
टीएमसी विधायक अब्दुर रहीम बख्शी के बयान पर बीजेपी ने कड़ा ऐतराज जताया है. बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में टीएमसी पर राजनीतिक हिंसा को सामान्य बनाने का आरोप लगाया. मालवीय ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है. कुछ साल पहले भी बख्शी ने बीजेपी, सीपीआई(एम), और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ-पैर काटने की धमकी दी थी.
अब्दुर रहीम बख्शी ने किया बयान का बचाव
अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में, जहां 'अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या' ममता बनर्जी का वोट बैंक हैं, ऐसी धमकियां टीएमसी की राजनीति का हिस्सा हैं. उन्होंने सवाल उठाया, 'यह लोकतंत्र है या आतंक?' विवाद बढ़ने पर बख्शी ने मीडिया के सामने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, 'मैंने कोई अलोकतांत्रिक बयान नहीं दिया.'
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