उत्तर प्रदेश के देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ इंस्पेक्टर पर हमला करने वाले किन्नरों का गैंग पकड़ लिया गया है. गिरफ्तार सात आरोपियों में पांच फर्जी किन्नर और दो ऐसे निकले, जिन्होंने जेंडर चेंज कराया था. ये आरोपी लंबे समय से यात्रियों से मारपीट और जबरन वसूली में लिप्त थे. पुलिस का कहना है कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे.
दरअसल, 31 अगस्त की रात किन्नरों द्वारा यात्रियों से जबरन पैसे की वसूली की शिकायत मिली. इस RPF देवरिया सदर रेलवे स्टेशन प्रभारी निरीक्षक आस मोहम्मद ने चेकिंग कर किन्नरों से पूछताछ की और दो को पकड़कर थाने ले गए. इस दौरान आधा दर्जन से अधिक किन्नर पहुंचे और इंस्पेक्टर पर हमला कर दिया. उन्हें दौड़ा कर डंडे से पिटाई करने लगे. ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी. किसी तरह इंस्पेक्टर ने अपनी जान बचाई. इस दौरान मौके पर दो किन्नरों को पकड़ लिया गया, जबकि अन्य किन्नर भाग निकले.
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इस मामले में RPF के सहायक सुरक्षा आयुक्त मुकेश कुमार पवार ने बताया कि इसमें RPF और GRP के दोनों टीमों द्वारा मौके से दो किन्नर चंदा और साहिल को अरेस्ट कर लिया था. उनके बयान के मुताबिक, पांच को हमने वांटेड किया था, जिन्हें अरेस्ट करने के लिए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर क्राइम ब्रांच की टीम तैयार की गई, जिसमें आरपीएफ और जीआरपी शामिल थी.
सूचना मिली कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में हैं. इस सूचना पर टीम को अलर्ट किया और पांच को मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है. कुल सात आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. इसमें तीन देवरिया के और अन्य बिहार के लखीसराय, सिवान, असम व त्रिपुरा के रहने वाले हैं. इनके नाम आलमगीर उर्फ चंदा, साहिल उर्फ सोनम, रॉबिन उर्फ पूजा, विकास वर्मन उर्फ रसीली, यशवंत उर्फ मुस्कान, चितरंजन उर्फ काजल और विनोद कुमार उर्फ नैना हैं.
जीआरपी के CO सवी रतन गौतम ने फोन पर बताया कि यह फर्जी किन्नरों का गैंग यात्रियों से जबरन वसूली करता था, मारपीट करता था. पकड़े गए किन्नरों में 5 फर्जी है, जबकि 2 किन्नरों ने अपना जेंडर चेंज कराया है. यह सभी किन्नरों के वेष में रहते थे.
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