बाढ़ से बेहाल पंजाब में बढ़ी नावों की डिमांड, 1.8 लाख तक पहुंची कीमतें, हजार रुपये में लाइफ जैकेट

2 days ago 1

पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ ने नावों की मांग को कई गुना बढ़ा दिया है. बचाव और राहत कार्यों के लिए हजारों नावें तैनात की गई हैं. सिर्फ सरकारी एजेंसियां ही नहीं, बल्कि आम लोग भी इन्हें बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं. आइए जानते ताजा हालात... 

नाव बनाने वालों का काम बढ़ा

पंजाब में बाढ़ के कारण नावों की मांग में भारी उछाल आया है. रोपड़ में बिशन सिंह एंड संस की फैक्ट्री में, मजदूर दिन-रात मोटर बोट बनाने में लगे हुए हैं. 1966 से नाव व्यवसाय से जुड़े 78 वर्षीय मोहन सिंह का कहना है कि 1988 की बाढ़ के दौरान भी इतनी मांग नहीं देखी गई थी. उन्हें रोजाना लगभग 150 फोन कॉल आ रहे हैं. इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने अतिरिक्त मजदूरों को भी काम पर रखा है. 

कारोबार में तेजी, लेकिन मानवीय पहलू भी

मोहन सिंह के बेटे और सह-मालिक चरणजीत सिंह बताते हैं, "हम नावें और लाइफ जैकेट बहुत तेजी से बेच रहे हैं.  कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है." हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि वे मानवीय संकट को देखते हुए कीमतों में कुछ छूट भी दे रहे हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों को मना न करना पड़े. यहां नावों की कीमत 85,000 रुपये से लेकर 1.8 लाख रुपये तक है और लाइफ जैकेट लगभग 1,000 रुपये में उपलब्ध है. 

गुरुद्वारे भी खरीद रहे हैं नावें

गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से आए एक खरीदार गुरमीत सिंह अपनी ऑर्डर की गई नाव लेने के लिए रोपड़ की फैक्ट्री में इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह नाव डेरा गुरुद्वारा ने खरीदी है, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के समुदाय की मदद की जा सके. उनका कहना है कि उनका इलाका बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में है. मोहाली में एक अन्य नाव निर्माता अनिल कुमार कुशवाहा ने भी मांग में बढ़ोतरी की पुष्टि की. पहले वे हर महीने 5-6 नावें बेचते थे, जो अब बढ़कर 15-16 हो गई हैं. 

बचाव कार्यों के लिए जरूरी बनीं नावें

बाढ़ प्रभावित गांवों में बचाव और निकासी के लिए नावें अब एक अनिवार्य साधन बन गई हैं. सेना, अर्धसैनिक बलों और नागरिक प्रशासन के साथ-साथ आम लोग और धार्मिक संगठन भी इन्हें खरीद रहे हैं. लगातार बढ़ती मांग ने नाव निर्माताओं की व्यस्तता बढ़ा दी है, जिससे यह साफ होता है कि यह संकट कितना गंभीर है. नावों के साथ-साथ जीवन रक्षक जैकेटों की भी भारी मांग है. 

---- समाप्त ----

Live TV

Read Entire Article