आयरलैंड की राजधानी डबलिन (Dublin) में हमलावरों के एक ग्रुप ने 40 साल के एक भारतीय शख्स पर हमला किया और उसके कपड़े उतार दिए. इस अनजान शख्स पर बच्चों के सामने अनुचित व्यवहार करने का झूठा आरोप लगाया गया था. The Irish Times की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद अधिकारी इसे संभावित हेट क्राइम के रूप में जांच कर रहे हैं.
यह घटना 19 जुलाई की शाम को हुई, जब भारतीय नागरिक पर टैलाघ्ट उपनगर में कुछ युवकों ने हमला कर दिया और उसकी पिटाई कर दी. राहगीरों द्वारा उसे बचाए जाने से पहले ही हमलावरों ने उसके ट्राउजर्स उतार दिए. उसके चेहरे, हाथ और पैरों पर कई जगह घाव हो गए थे और खून बह रहा था.
हमलावरों ने किया झूठा दावा
गार्डा (आयरिश राष्ट्रीय पुलिस) के मुताबिक, हमलावरों ने झूठा दावा किया कि वह शख्स बच्चों के आसपास अनुचित व्यवहार कर रहा था. इन दावों को प्रमुख दक्षिणपंथी और आप्रवासी-विरोधी ऑनलाइन अकाउंट्स द्वारा ऑनलाइन प्रचारित किया गया. हालांकि, गार्डा ने उस शख्स के अनुचित व्यवहार के ऐसे दावों को खारिज कर दिया.
घायल अवस्था में भारतीय शख्स को टैलाघ्ट विश्वविद्यालय के अस्पताल (Tallaght University Hospital) ले जाया गया, जहां से उसे 20 जुलाई को छुट्टी दे दी गई.
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "टैलाघ्ट में गार्डा को शनिवार, 19 जुलाई, 2025 की शाम करीब 6 बजे, डबलिन 24 के टैलाघ्ट स्थित पार्कहिल रोड पर हुई एक घटना की जानकारी मिली. गार्डा घटनास्थल पर पहुंचे और करीब 40 साल के एक पुरुष को घायल अवस्था में टैलाघ्ट विश्वविद्यालय अस्पताल ले जाया गया."
द आयरिश टाइम्स के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने बताया कि कुछ हमलावरों ने हाल ही में टैलाघ्ट इलाके में विदेशियों पर बिना उकसावे के हमले किए हैं. गार्डा ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है.
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न्याय मंत्री का बयान प्रासंगिक
हाल ही में, आयरिश न्याय मंत्री जिम ओ'कैलाघन ने कहा कि उन्हें विदेशी नागरिकों पर झूठे अपराधों के आरोप लगाए जाने की घटनाओं की जानकारी है. उन्होंने कहा, "आप सुनते आ रहे हैं कि लोग अपराधों के लिए आप्रवासियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं. मैं आपसे बस इतना कह सकता हूं कि मैंने आंकड़े मांगे हैं और जब आप अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए लोगों की जेलों में आबादी पर नज़र डालेंगे, तो पाएंगे कि जेल में बंद आप्रवासियों का प्रतिशत समाज में रहने वाले आप्रवासियों के प्रतिशत से कम है."
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए इस बात में कोई दम नहीं है कि अप्रवासियों द्वारा आपराधिक अपराध करने की संभावना ज़्यादा होती है.
आयरलैंड में भारतीय राजदूत अखिलेश मिश्रा ने भारतीय शख्स से जुड़ी घटना की आलोचना की और 'कथित हमले' के साथ घटना की रिपोर्टिंग करने के लिए आरटीई न्यूज़ की आलोचना की.
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चश्मदीदों ने क्या बताया?
घटना के वक्त मौके पर मौजूद एक शख्स ने दावा किया कि उसने भारतीय शख्स पर हमला होते देखा था. उसने बताया कि 'नस्लवादी गिरोह' ने उसके बैंक कार्ड, फ़ोन, जूते और ट्राउजर चुरा लिए. एक आयरिश महिला ने बताया कि वह शख्स अपने दोस्त के साथ रह रहा था और एक हफ़्ते पहले ही देश में आया था.
महिला ने कहा, "मैं अपनी ससुराल जा रही थी, तभी मैंने देखा कि एक महिला सहित 13 किशोर उस आदमी को घेर रहे थे. मैंने देखा कि वह आदमी सिर से पैर तक खून से लथपथ था."
घटना के बारे में बताते हुए भावुक हो गईं चश्मदीद ने बताया कि वह आदमी शर्मिंदा था और अपने साथ हुई घटना से पूरी तरह स्तब्ध था.
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