मेडिकल साइंस की दुनिया से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो इंसानी हिम्मत और डॉक्टरों की कुशलता की मिसाल है. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 26 साल की गर्भवती महिला के साथ ऐसा हुआ, जिससे मां और अजन्मे बच्चे दोनों की जान खतरे में आ गई थी.
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 साल की गर्भवती महिला जब 34 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में असहनीय दर्द के साथ अस्पताल पहुंची, तो अल्ट्रासाउंड में सामने आया दृश्य देखकर सभी दंग रह गए.
बच्चे को घेरे बैठा था 35 सेंटीमीटर का सिस्ट
जांच में पता चला कि महिला के गर्भाशय को एक विशाल सिस्ट ने चारों तरफ से घेर लिया है. यह सिस्ट इतना बड़ा था कि उसने पूरे गर्भाशय को दाईं ओर धकेल दिया और बच्चे की ग्रोथ पर असर डालने लगा.
दरअसल, छह हफ्ते पहले हुए अल्ट्रासाउंड में बाएं अंडाशय पर एक छोटा-सा सिस्ट दिखाई दिया था. किसी ने सोचा भी नहीं था कि वही सिस्ट बढ़कर 35 सेंटीमीटर का ‘मॉन्स्टर ट्यूमर’ बन जाएगा और मां-बेटे दोनों की जान खतरे में डाल देगा.डॉक्टरों को यकीन ही नहीं हुआ कि यह सिस्ट इतनी तेजी से इतना बड़ा हो जाएगा. हालात ये हो गए थे कि यह सिस्ट महिला की बच्चेदानी को दबाने लगा था और पूरा पेट अपनी गिरफ्त में लेने लगा था.
11 लीटर तरल से भरा सिस्ट निकाला गया
स्थिति नाजुक थी. डॉक्टरों ने ऑपरेशन का फैसला लिया. चार घंटे चले इस जटिल ऑपरेशन के दौरान बाएं अंडाशय से 35 सेंटीमीटर का सिस्ट निकाला गया, जिसमें करीब 11 लीटर तरल भरा था. राहत की बात यह रही कि यह सिस्ट कैंसर पैदा नहीं कर रहा था.यही नहीं, इसी दौरान महिला की डिलीवरी भी कराई गई. सी-सेक्शन से जन्मे बच्चे का वजन 5 पाउंड (करीब 2.2 किलो) था. आश्चर्य की बात यह रही कि इतनी गंभीर स्थिति में भी बच्चा पूरी तरह स्वस्थ निकला.
तेज रिकवरी, मां-बेटे दोनों सुरक्षित
ऑपरेशन के कुछ ही दिनों बाद महिला की हालत में तेजी से सुधार हुआ और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. आज मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं.अब इसे लोग मेडिकल मिरेकल कह रहे हैं, क्योंकि इतने विशाल सिस्ट के बावजूद मां और बच्चे का सुरक्षित होना किसी करिश्मे से कम नहीं.
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