AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि कोई भी राजनीतिक अनुशासन के बिना काम नहीं कर सकता. हाल ही में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम मजीठिया को पकड़ा और लोग इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं, लेकिन विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया और इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए. यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है.
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AAP विधायक विजय प्रताप सिंह 5 साल के लिए निलंबित
आम आदमी पार्टी ने रविवार को अपने अमृतसर (नॉर्थ) से विधायक और पूर्व IPS अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 5 साल के लिए निलंबित कर दिया. AAP की पंजाब इकाई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कुंवर विजय प्रताप सिंह ने लंबे समय से पार्टी के खिलाफ गतिविधियां की हैं और अब पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति ने उन्हें निलंबित करने का फैसला लिया है.
विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के तरीक़े पर खुद की ही सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने बिक्रम मजीठिया के घर पर सुबह-सुबह मारे गए छापे को अनैतिक बताया था और यह भी कहा था कि सरकार ने मजीठिया की जेल में रहते हुए कोई पूछताछ या रिमांड नहीं ली. वहीं, AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि अगर किसी को कोई आपत्ति हो तो वह पार्टी मंच पर रखी जानी चाहिए, न कि सार्वजनिक रूप से सरकार की आलोचना करने. पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है.
मजीठिया की गिरफ्तारी पर उठाए थे सवाल
विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि जब मजीठिया जेल में थे तब सरकार ने कोई जांच नहीं की. उन्होंने यह भी कहा कि AAP की सरकार ने जानबूझकर मजीठिया को बिना किसी ठोस पूछताछ के छोड़ दिया.
विधायक की प्रतिक्रिया
विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पार्टी के इस फैसले पर सीधी प्रतिक्रिया तो नहीं दी, लेकिन फेसबुक पर एक पोस्ट डालते हुए संकेत दिए कि वह डरने वालों में नहीं हैं. इतना ही नहीं, विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही मैसेज का जवाब दिया. बता दें कि जब विजिलेंस ब्यूरो ने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के घर पर छापा मारा था और उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था,
'ये बर्दाश्त करने लायक नहीं'
AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि कोई भी राजनीतिक अनुशासन के बिना काम नहीं कर सकता. हाल ही में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम मजीठिया को पकड़ा और लोग इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं, लेकिन विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया और इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए. यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है. अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो वे पार्टी मंच पर इसे उठा सकते थे. इसलिए पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति ने विधायक को पांच साल के लिए निलंबित कर दिया.
कौन हैं कुंवर विजय प्रताप सिंह?
बता दें कि कुंवर विजय प्रताप सिंह 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने 2021 में अपनी नौकरी छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था. पार्टी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल किया था. उन्हें अमृतसर (उत्तर) विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया और वे जीत गए. वह पहले भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं और लगातार मुखर रहे हैं.
कांग्रेस ने किया समर्थन, AAP पर हमला
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने AAP के इस फैसले को सच बोलने की सज़ा बताया. उन्होंने कहा कि विजय प्रताप एक ईमानदार और साहसी विधायक हैं. उन्हें इसलिए सस्पेंड किया गया क्योंकि उन्होंने पंजाब सरकार की कमज़ोरियों को उजागर किया. बाजवा ने कहा कि यह निलंबन विधायक के लिए पंजाब के साथ खड़े होने के लिए सम्मान की बात है.