Oral care of your teeth: शरीर के सभी अंगों का ख्याल रखना जरूरी होता है, और इसमें ओरल हेल्थ भी आती है. ओरल हेल्थ का ख्याल रखने से मुंह साफ रहता है और कई तरह की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. इससे दांतों में कैविटी नहीं होती है. इसके लिए जरूरी है कि आप रोजाना ब्रश करें और दांतों के साथ ही मसूड़ों को भी साफ करें. हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप अपनी ओरल हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं. इन टिप्स को फॉलो करें:
ब्रश करने का सही तरीका और ओरल हाइजीन- दांतों को बहुत ज़ोर से या गलत तरीके से ब्रश करने से इनेमल (दांत की बाहरी परत) खराब हो सकता है.
- टूथपेस्ट को ब्रश की ब्रिसल्स पर वर्टिकल तरीके से लगाना चाहिए ताकि पेस्ट सीधे दांतों पर पहुंचे.
- ब्रशिंग 2 मिनट (120 सेकंड) पर्याप्त है; ज्यादा देर तक ब्रश करने से नुकसान हो सकता है.
- ब्रश के ब्रिसल्स सॉफ्ट होने पर ब्रश बदल देना चाहिए, आमतौर पर 3 महीने में. - दांतों के नीचे की सतह (जुबान के नीचे) अच्छी तरह साफ करनी चाहिए.
- छह साल के बच्चों के दांतों की देखभाल खास जरूरी है, क्योंकि उनके स्थाई दांत उगना शुरू हो जाते हैं.
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट दांतों को मजबूत बनाता है और कैविटी कम करता है.
कैविटी (दांत सड़ना) और उसके कारण- भारत में सबसे बड़ी ओरल समस्याओं में कैविटी प्रमुख है.
- कैविटी का मुख्य कारण ग्लूकोज युक्त बिस्कुट, चिप्स, सैंडविच और स्ट्रिकी फूड पार्टिकल्स होते हैं जो दांतों पर चिपक जाते हैं और एसिड बनाते हैं, जो इनेमल को खराब कर देते हैं.
- रोज आहार के बाद मुंह कुल्ला या ब्रश करना जरूरी है, खासकर मीठा खाने के बाद तुरंत ब्रश ना करें, 15-20 मिनट बाद करें क्योंकि तुरंत ब्रश करने से एसिड दांत की सतह को नुकसान पहुंचा सकती है.
- फूड पार्टिकल्स लंबे समय तक दांतों पर रहना टार्टर यानी हार्ड प्लाक बनाता है जो दांतों को नुकसान पहुंचाता है.
मसूड़े (गम) की समस्याएं- मसूड़ों में खून आना, सूजन, पायरिया जैसी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं.
- मसूड़े की बीमारी से हृदय, किडनी, लीवर और दिमाग पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
- मसूड़े की देखभाल के लिए रेगुलर मसाज और वार्म सॉल्ट वाटर गार्गल करना अच्छा रहता है.
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