राजस्थान पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स ने मंगलवार को एक कुख्यात गैंगस्टर को हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार किया है. उस पर पांच साल पहले अलवर के भिवाड़ी पुलिस स्टेशन पर अपने साथी को छुड़ाने के लिए धावा बोलने का आरोप है. आरोपी गैंगस्टर की पहचान 32 वर्षीय राजवीर गुर्जर के रूप में हुई है, जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ का निवासी है. उस पर पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था.
एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन ने बताया कि राजवीर गुर्जर को हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार किया गया है. उसके पास से एक AK-56 राइफल, दो मैगजीन और सात जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. यह गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि राजवीर पिछले पांच साल से फरार था. वो अलग-अलग जगहों पर अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 6 सितंबर 2019 का है. राजवीर गुर्जर ने अपने करीब 30 साथियों के साथ अलवर जिले के भिवाड़ी थाना परिसर पर धावा बोल दिया. वहां लॉकअप में मौजूद गैंगस्टर विक्रम गुर्जर को जबरन छुड़ा ले गया. हालांकि, विक्रम गुर्जर को 5-6 सितंबर की रात को एक कार और 31.90 लाख रुपए की नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था. राजवीर उस समय हत्या के एक मामले में जमानत पर बाहर था.
थाने पर हमले के बाद राजवीर गुर्जर पूरी तरह अंडरग्राउंड हो गया था. यहां तक कि वो सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से पूरी तरह दूरी बनाए रखता था. किसी भी डिजिटल ट्रैकिंग से बचने के लिए परिवार और पुराने संपर्कों से नाता तोड़ चुका था. उसकी गतिविधियां बेहद रणनीतिक थीं. वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना हुलिया और ठिकाने बदलता रहा रहा था. ऐसे में पुलिस को बहुत परेशान हो रही थी.
पिछले पांच वर्षों में राजवीर गुर्जर कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गोवा और हरियाणा समेत कई राज्यों में छिपकर रहा. पुलिस को उसकी तलाश में कई बार असफलता हाथ लगी, लेकिन अंततः एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे हरियाणा के रेवाड़ी जिले से दबोच लिया. राजवीर पर महेंद्रगढ़ (हरियाणा) में हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार रखने जैसे कई गंभीर केस दर्ज हैं.