"खाने के लिए ही तो काम कर रहा हूं...." हम सब काम इसलिए करते हैं ताकि हम और हमारा परिवार अच्छे से खा-पी सकें और एक सम्मानजनक जिंदगी जी सकें. लेकिन अगर आपको खाने के लिए ही रोका जाए तो??? और वो भी तब जब आपको काफी तेज भुख लगी हो....आज की तेज रफ्तार ज़िंदगी में अक्सर हम इस मूल उद्देश्य को भूल जाते हैं कि काम सिर्फ जीवन को बेहतर बनाने का एक साधन है. जब कोई व्यक्ति 8–10 घंटे की मेहनत करता है, तो उसका सबसे बुनियादी हक है - समय पर खाना खाना, आराम करना और मानसिक शांति पाना और हम सब इसी लिए कमाते हैं ताकि हम भूखें न रहे. लेकिन अगर वही नौकरी, वही ऑफिस का दबाव हमें खाने से रोकने लगे तो? दरअसल, रेडिट पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें ऑफिस कर्मचारी को बॉस ने लंच करने से मना किया और कहा कि पहले काम पूरा करो.
रेडिट पर पोस्ट हो रहा वायरल
रेडिट पर वायरल हो रहे पोस्ट पर कर्मचारी ने लिखा कि अजीब बात है. मेरा दोस्त एक कंपनी में काम करता है. जब वह लंच ब्रेक के लिए जा रहा था, तो उसके मैनेजर ने कहा कि पहले काम खत्म करो फिर खाना खाओ. इस पर मेरे दोस्त ने अपने बॉस को कहा- "खाने के लिए ही तो काम कर रहा हूं, और यहां आप मुझे खाना खाने से ही रोक रहे हो!" इतना कह कर वे सीधे लंच चला गया. लंच से आने के बाद उसके बॉस ने उससे पूरे दिन बात तक नहीं की. अब वह शख्स परेशान है कि कहीं इसका असर उसकी नौकरी पर न पड़े. हालांकि, उसके दोस्त ने उसे भरोसा दिलाया कि उसने गलत नहीं किया.
सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहा वायरल
एक यूजर ने लिखा-, "मुझे पता है कि उसे लग रहा होगा कि वह गलत था, लेकिन वह इस छोटे से काम से वाकई बहुत से लोगों की जान बचाने वाला है. अब से, वह मैनेजर किसी और से ऐसी बात कहने से पहले दो बार सोचेगा." एक और ने याद करते हुए कहा, "मेरे साथ ऐसा मेरी मौजूदा कंपनी में ही हुआ था, लेकिन यह एक अलग तरह का काम था. मेरे मैनेजर ने फोन किया और कहा कि पहले वर्क रिपोर्ट भेजना और फिर खाना ज़रूरी है. मैं खाना खा रहा था, लेकिन मुझे जाकर काम पूरा करना था. मैंने अपना खाना बीच में ही छोड़ दिया और घर आकर बच्चों की तरह रोया. फिर मेरी मां ने कहा, 'बेटा खाने के लिए ही खाना रखा है और खाने के बाद भी, तो यह कैसे चलेगा.' फिर मैंने अपने मैनेजर को समझदारी से जवाब देना शुरू कर दिया. "तीसरे ने कहा, "तुम्हारा दोस्त बहुत बहादुर है. कुछ साल पहले, मैं भी ऐसी ही स्थिति में था. मुझे आज भी अफ़सोस है कि मैं अपने लिए खड़ा नहीं हो सका और अपने मैनेजर को मेरे साथ घटिया व्यवहार करने दिया!"
चौथे ने लिखा, "उसने सही काम किया, लेकिन मैनेजर को उससे कोई न कोई शिकायत ज़रूर थी. वे इन बातों को याद रखते हैं और सही समय पर इनका इस्तेमाल करते हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा "मेरी मैनेजर सास थी पूरी. इतनी क्रूर सास भी नी होती होगी. उसके तहत जो भी आया 3-4 महीने में निकल लिया था. 5 मिनट से एक्स्ट्रा वॉशरूम ब्रेक ले लो हमें भी सुनाती थी पीछे पीछे आ जाती थी वॉशरूम तक. अगर मैनेजर इंसानियत से काम लेगा तो वो अपने किए पर गौर करेगा और माफी मांगेगा. वरना अगर वो घटिया है तो वो उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर देगा.
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