अमेरिकी नेताओं पर कई-कई बार यौन आरोप लगते रहे, फिर चाहे वो बिल क्लिंटन हों, या डोनाल्ड ट्रंप. खासकर ट्रंप की छवि पर बार-बार खरोंच लगती रही. लेकिन ये विवाद हाल-हाल के नहीं, अमेरिकी इतिहास में इससे भी कहीं पुराना और ज्यादा जटिल मामला रहा है थॉमस जेफरसन का. 'ऑल मेन आर क्रिएटेड इक्वल' जैसी बड़ी बातें कहने वाले इस लीडर पर आरोप था कि उन्होंने एक नाबालिग यौन दासी रखी हुई थी, जिससे उनकी कई संतानें हुईं. बाद में जेफरसन ने संतानों को गुलामी से मुक्ति दे दी, लेकिन महिला दशकों तक उसी ट्रैप में रही.
अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति जेफरसन ने जब डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस लिखा तो उसकी एक लाइन बहुत चर्चित हुई- ऑल मेन आर क्रिएटेड इक्वल. आज भी इसे यूएस की ताकत माना जाता है. जेफरसन देश के तीसरे राष्ट्रपति बने. वे गुलामी के खिलाफ लगातार बोलते रहे, लेकिन असल में वे खुद सैकड़ों गुलामों के मालिक थे. इसमें बहुत से माइनर भी थे. इन्हीं में से एक थी सैली हेमिंग्स. अफ्रीकी-अमेरिकी मूल की किशोरी जेफरसन को विरासत में मिली थी. मतलब सैली के पेरेंट्स भी जेफरसन के परिवार की संपत्ति थे.
सैली को घरेलू कामों का जिम्मा मिला था, लेकिन बाद में जेफरसन उनका यौन शोषण करने लगे. उस दौर के कई लेखकों के मुताबिक जब जेफरसन ने सैली के साथ यौन संबंध बनाए, तब वह लगभग 14 साल की थी, और जेफरसन 44 साल के. इस रिश्ते से कई संतानों का जन्म हुआ. जेफरसन चूंकि बेहद मजबूत नेता थे, जिनकी छवि भी अपेक्षाकृत साफ थी, लिहाजा इसपर कोई हो-हल्ला नहीं हुआ.

कई लोगों ने इसपर शोषण पर किताब लिखी. ऐन एनेट गॉर्डन-रीड की किताब थॉमस जेफरसन एंड सैली हेमिंग्स- एन अमेरिकन कंट्रोवर्सी को इस मामले का सबसे करीबी लेखाजोखा माना जाता है. किताब में दावा है कि सैली ने कई बार आजादी की मांग की, लेकिन जेफरसन ने उसे रोके रखा. छूट के नाम पर ये भर हुआ कि सैली को हल्के घरेलू काम दिए जाने लगे और उन्हें अपनी पसंद के कपड़े पहनने या हंसने-बोलने की आजादी थी, जो उस दौर में गुलामों के लिए नहीं थी.
इस रिश्ते से हुए चार बच्चों को हालांकि उन्होंने धीरे-धीरे आजादी दे दी. जेफरसन की मौत के बाद सैली को हर टाइम दिया गया, यानी अपनी मर्जी से जी सकने की इजाजत. इस घटना के लंबे समय बाद सैली की संतानों का डीएनए टेस्ट हुआ और माना गया कि विवादों में सच्चाई थी.
इतने विवादों के बाद भी क्यों नहीं हुई कार्रवाई
अमेरिका में तब ज्यादातर राज्यों में गुलामी वैध थी. खेत-दौलत की तरह ही गुलाम भी मालिक की संपत्ति थे, जिनके साथ वो मनचाहा व्यवहार कर सकता था. गुलाम महिलाओं से मालिकों के यौन संबंध आम थे. इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाता था. अगर कोई गुलाम बगावत पर उतरकर बोलना भी चाहे तो कोई अदालत नहीं थी, जहां उसकी टेस्टिमोनी मायने रखती. यही वजह है कि जेफरसन को लेकर खास हो-हल्ला नहीं मचा. लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा खूब हुई.

आखिरकार, जनवरी 2000 में, मोंटिसेलो में थॉमस जेफरसन फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें इस मामले को सैटल्ड बताया गया. डीएनए रिपोर्ट में लिंक साबित हो चुका था. लेकिन चूंकि मामला इतिहास बन चुका था और पुराने मामलों पर नया कानून लागू नहीं हो सकता था, लिहाजा इसपर बात बंद हो गई. दोषी और पीड़ित, दोनों ही खत्म हो चुके थे.
वाइट हाउस में कई ऐसे यौन स्कैंडल हो चुके, जिनकी चर्चा पूरी दुनिया में रही. राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और वाइट हाउस इंटर्न मोनिका लेविंस्की केस सबसे ज्यादा चर्चित रहा. क्लिंटन ने पहले तो इससे इनकार किया लेकिन डीएनए जांच के बाद सच मानना पड़ा. उनपर महाभियोग भी चला, लेकिन राजनीतिक समर्थन की वजह से पद बना रहा.
वर्तमान लीडर ट्रंप पर भी आरोप लगा कि उन्होंने एक पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल से संबंध बनाए और फिर पैसे देकर उन्हें चुप रहने को कहा. अमेरिका में हश मनी (चुप रहने के लिए सीक्रेटली पैसे देना) गैरकानूनी नहीं, लेकिन ट्रंप को इस बात के लिए दोषी पाया गया कि डेनियल को देने के लिए निकाले हुए पैसों को उन्होंने अपने रिकॉर्ड में बिजनेस का खर्च बताया.
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