तमिलनाडु के विल्लुपुरम के तिंडीवनम नगर पालिका कार्यालय का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक अनुसूचित जाति समुदाय (ST) से आने वाला एक सरकारी अधिकारी डीएमके पार्षद राम्या राजा के पैरों पर गिर गया. इस वीडियो ने नौकरशाही में व्याप्त जाति व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिया है.
बीजेपी के अन्नामलाई ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए डीएमके पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि डीएमके एक ऐसी पार्टी है, जो सामाजिक न्याय का दिखावा करती है. लेकिन वास्तव में केवल सामाजिक अन्याय करती है. वीडियो में देखा जा सकता है कि अधिकारी मुनियप्पन, डीएमके पार्षद राम्या राजा के पैरों में गिरकर माफ़ी मांगते हुए सुनाई दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: 'तुम विमान उड़ाने लायक नहीं, जाओ चप्पलें सिलो', इंडिगो के ट्रेनी पायलट ने लगाया जातिवादी दुर्व्यवहार का आरोप
This is DMK’s model of Social Justice.
A public servant belonging to the Scheduled Caste community in Tindivanam was cornered continuously by DMK Councillors and was made to apologise by falling at the feet of the DMK Councillor Ramya. This is not the first time DMK has… pic.twitter.com/XrjNvtPvAN
राम्या ने वायरल वीडियो पर क्या कहा?
वीडियो में यह भी साफ़ दिखाई दे रहा है कि ऑफिस में बैठे लोगों ने मुनियप्पन से माफी मांगने को कहा था. फिलहाल यह मामला पुलिस के संज्ञान में लाया गया है और इस अपमानजनक व्यवहार के लिए राम्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
हालांकि अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि मुनियप्पन से ऐसा क्यों कराया गया. मामले में डीएमके पार्षद राम्या राजा ने इंडिया टुडे से कहा किसी ने भी उसे मेरे पैरों में गिरने के लिए नहीं कहा था. वह भावुक हो गया और खुद ही मेरे पैरों में गिर पड़ा. पूरे मामले को लेकर अनुसूचित जाति समुदाय के लोक सेवक मुनियप्पन द्वारा डीएमके पार्षद राम्या के खिलाफ तिंडीवनम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है.
यह भी पढ़ें: मांझी-लालू विवाद है जातिवादी राजनीति का साइड इफेक्ट, लालू को दलित विरोधी क्यों बताया जा रहा है? | Opinion
मुनियप्पन ने राम्या और उनके पति पर लगाया धमकाने का आरोप
आरोप है कि राम्या और उनके पति राजा ने उन्हें धमकाया और गालियां दीं. मुनियप्पन का कहना है कि डीएमके पार्षद रम्या राजा ने उन्हें एक दस्तावेज़ लाने को कहा था और उन्हें उसे ढूंढ़ने में कुछ समय लगा. इससे क्रोधित होकर पार्षद और उनके पति ने दस्तावेज़ न ढूंढ़ पाने के लिए उन्हें जातिवादी गालियां दीं. वहीं बाद में वरिष्ठ अधिकारियों ने एक बैठक की और उनसे पैरों पर गिरकर माफी मांगने को कहा.
---- समाप्त ----