भारत में कैंसर के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कैंसर स्पेशलिस्ट्स का मानना है कि इसका एक बड़ा कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) है. HPV बहुत सारे वायरस का एक ग्रुप है. वैसे तो HPV वायरस को खतरनाक नहीं माना जाता लेकिन कुछ की वजह से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज और कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. 20 और 30 साल के बीच के युवाओं में अब कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है जिसका एक बड़ा कारण HPV है.
HPV इंफेक्शन से जुड़े सर्वाइकल, ओरल और ऑरोफरीन्जियल कैंसर के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इसे रोका नहीं गया तो भारत कैंसर संकट के कगार पर पहुंच जाएगा.
नई दिल्ली स्थित, अमेरिक्स कैंसर अस्पताल के चीफ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर आशीष गुप्ता ने एक इंटरव्यू में बताया, 'HPV से संबंधित कैंसर अब पहले की तुलना में काफी तेजी से सामने आ रहे हैं. 20 से 30 साल की उम्र के एडल्ट्स में सर्वाइकल, ओरल और गले के कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं जिनमें से कई लोगों को सही समय पर वैक्सीनेशन और जागरूकता से पूरी तरह से बचाया जा सकता था. सबसे ज्यादा दुखद बात यह है कि HPV को रोका जा सकता है, फिर भी कई परिवारों और लोगों को इसके खतरे के बारे में जानकारी ही नहीं है.'
आमतौर पर कैंसर शरीर में धीरे-धीरे डेवलप होता है लेकिन HPV से जुड़े कैंसर साइलेंट तरीके से तेजी से शरीर में डेवलप होते हैं. इसके लिए वैक्सीनेशन के साथ ही जरूरी है कि आप शरीर में दिखने वाले किसी भी तरह के लक्षण को हल्के में लेने की बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि शुरुआती स्टेज में ही इसका पता लगाया जा सके.
डॉ. गुप्ता ने कहा, 'हमें इसके लिए अभियान चलाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस कैंसर के बारे में पता हो और उनका सही समय पर इलाज शुरू किया जा सके.'
यह HPV वायरस, स्किन से स्किन के संपर्क में आने के कारण फैलता है, और पूरी दुनिया में सबसे कॉमन यौन संचारित संक्रमणों में से एक माना जाता है. यह वायरस, जो मुख्य रूप से अंतरंग त्वचा से त्वचा के संपर्क के माध्यम से फैलता है, विश्व स्तर पर सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) में से एक माना जाता है. हालांकि हमारा शरीर ज्यादातर एचपीवी इंफेक्शन को खुद ही ठीक कर लेता है, फिर भी कुछ हाई रिस्क वाले इंफेक्शन बने रह सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं.
धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. शुभम गर्ग ने कहा, 'एचपीवी से संबंधित कैंसर आपको शुरुआत में बहुत ज्यादा लक्षण नहीं दिखाते हैं. इसलिए रेगुलर चेकअप बहुत जरूरी है.'