Review: मस्ती, रोमांस के साथ सीख भी देती है 'मन्नू क्या करेगा', व्योम ने किया कमाल

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फिल्म:मन्नू क्या करेगा
  • कलाकार : व्योम यादव, साची बिंद्रा, विनय पाठक
  • निर्देशक :संजय त्रिपाठी

नई जनरेशन की सबसे बड़ी तकलीफ जो हमें दिखाई देती है वो ये है कि वो मस्तमौला हैं, बोल्ड हैं, महत्वाकांक्षी हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि वो चाहते क्या हैं! ऐसा ही कुछ हाल हमारे मन्नू का भी है. कौन मन्नू? अरे, मानव चतुर्वेदी... कौन मानव चतुर्वेदी? आओ बताते हैं.

सिनेमाघरों में नई फिल्म लगी है, जिसका नाम है 'मन्नू क्या करेगा'. फिल्म का नाम ही इसकी कहानी को साफ बयां कर रहा है. कहानी देहरादून के मानव चतुर्वेदी (व्योम यादव) की है, जिसे प्यार से उसके दोस्त और परिवार मन्नू बुलाते हैं. मन्नू, चुलबुला, बिंदास और टैलेंटेड लड़का है. कॉलेज में हर साल अपने सब्जेक्ट बदलने वाला मन्नू अभी समझ नहीं पाया है कि उसे जिंदगी में क्या करना है. वो फुटबॉल प्रेमी है, लोगों के बीच पॉपुलर है और दिमाग से तेज भी, लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी उनके कोई एम्बिशन यानी महत्वाकांक्षा नहीं हैं. मन्नू अपनी जिंदगी को एक बार में एक दिन के हिसाब से जी रहा है.

क्या करेगा मन्नू? 

उसकी जिंदगी बड़ा मोड़ लेती है, जब मन्नू की जिंदगी में जिया (साची बिंद्रा) की एंट्री होती है. जिया के प्यार में पड़ चुका मन्नू उसके साथ जिंदगी जीने के सपने सजा रहा है. मगर इसके चक्कर में अपनी करियर और पढ़ाई को एकदम भूल गया है. जिया को मन्नू की चिंता है और मन्नू उसे खुश करना चाहता है. ऐसे में मन्नू, जिया से ऐसा झूठ बोलता है, जिसकी बलि दोनों का रिश्ता और सुकून दोनों चढ़ जाएगा. जिया को खोने से डर रहे मन्नू के पास अब बस एक ही रास्ता है, अपने झूठ को सच बनाना. वो ये कैसे करेगा, यही फिल्म में देखने वाली बात है.

बढ़िया है परफॉरमेंस

'मन्नू क्या करेगा' बहुत ही हंसी-खुशी और मस्ती से भरी फिल्म है. इससे एक्टर व्योम यादव ने अपना डेब्यू किया है. पिक्चर में व्योम का काम काफी बढ़िया है. उन्हें देखकर कहना मुश्किल है कि वो नए एक्टर हैं. उनका काम किसी मंझे हुए कलाकार से कम नहीं है. मन्नू के किरदार में व्योम ऐसे ढले हैं कि आप उन्हें और मन्नू को अलग-अलग देख ही नहीं सकते. जिया के किरदार में साची बिंद्रा का काम भी बढ़िया है. उनकी केमिस्ट्री व्योम के साथ अच्छी रही. दोनों का रोमांस फेयरीटेल टाइप है, जो आपको भी मीठे-मीठे सपने दिखाता है.

इस पिक्चर में विनय पाठक, चारु शंकर और कुमुद मिश्रा जैसे बेहतरीन कलाकार भी मौजूद हैं, जिन्होंने अपने छोटे-छोटे रोल्स में भरपूर जान डाली है. डायरेक्टर संजय त्रिपाठी ने इस फिल्म में रोमांस और इमोशन्स से भरा बनाने की पूरी कोशिश की है. वो आपको अपने साथ एक सफर पर लेकर जाते हैं और अंत में आपको एक बड़ी सीख भी देते है. कभी हार न मानने और अपने मकसद को समझने की सीख. ये फिल्म आज की जनरेशन पर तंज भी करती है और उन्हें समझाने की कोशिश भी. फिल्म का म्यूजिक अच्छा है. सौरभ गुप्ता की लिखी कहानी स्वीट और सिंपल है. हां, हर फिल्म की तरह इसमें भी कई कमियां है. लेकिन एक छोटे बजट में बनी फिल्म के तौर पर इसे लेकर अच्छी कोशिश की गई है.

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