आक्रामक होते तेजप्रताप राघोपुर पहुंच कर तेजस्वी की रीलबाजी पर भी टिप्पणी करने लगे

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तेज प्रताप यादव की सक्रियता अब नई दिशा में आगे बढ़ रही है. बढ़ रही है कहने से बेहतर होगा, रफ्तार भरने लगी है. शुरुआती दौर में परिवार और पार्टी का लिहाज समझ में आ रहा था, लेकिन लगता है अब गुंजाइश नहीं रही. लिहाजा अब परवाह भी नहीं है - तभी तो सीधे तेजस्वी यादव के चुनाव क्षेत्र में ही धावा बोल देते हैं. 

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राघोपुर से ही विधायक हैं. राघोपुर आरजेडी नेता लालू यादव का भी चुनाव क्षेत्र रहा है. और, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तो राघोपुर से तीन बार विधायक रही हैं. राघोपुर पर तेज प्रताप की नजर तो है, लेकिन इरादा कहां तक है, अभी साफ तौर पर सामने नहीं आया है.

फिलहाल तो बस इतना ही लग रहा है कि वो तेजस्वी यादव को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. राघोपुर पहुंचकर वो टार्गेट तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही करते हैं, लेकिन तेजस्वी यादव को भी नहीं बख्श रहे हैं. बस नाम नहीं लेते, लेकिन सब कुछ बोल देते हैं. 

बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलते हैं. राशन दवाइयां और अन्य राहत सामग्री बांटते हैं, और लगे हाथ जताते भी हैं कि उन लोगों की न तो इलाके के विधायक को फिक्र है, न ही बिहार की सरकार को - लेकिन, वो मदद जरूर कर रहे हैं. और आगे भी हर संभव मदद करते रहने का भरोसा भी दिलाते हैं.  

तेज प्रताप यादव का ये अंदाज पार्टी और परिवार को सीधे सीधे चैलेंज करने का इशारा कर रहा है. तेज प्रताप यादव क्या और कहां तक कर पाएंगे, ये अलग सवाल है. लेकिन, ये तो साफ हो चुका है कि अब वो अपने हक की लड़ाई शुरू कर चुके हैं. और, सीधे तेजस्वी यादव पर प्रहार करने लगे हैं - मतलब, तेजस्वी यादव को भी समझ लेना चाहिए कि उनकी लड़ाई अब सिर्फ राजनीतिक विरोधियों तक ही सीमित नहीं रही. घर में भी चुनौतियां खड़ी होने लगी हैं. 

तेजस्वी के चुनाव क्षेत्र में तेज प्रताप का धावा

राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे तेज प्रताप यादव अपनी तरफ से यही जताने की कोशिश कर रहे थे कि वहां के लोगों की किसी को फिक्र नहीं है. न जेडीयू और बीजेपी की गठबंधन सरकार को, न ही इलाके के विधायक यानी उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव को. और, ऐन उसी वक्त तेज प्रताप यादव उनके पास पहुंचे हैं, और उनकी मदद कर रहे हैं. 

अपने राघोपुर दौरे के बारे में तेज प्रताप ने सोशल साइट एक्स पर लिखा है, राघोपुर विधानसभा अंतर्गत विदुपुर ब्लॉक के विभिन्न पंचायत पूरे तरीके से बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं... विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश पंचायत और गांव बाढ़ के कारण डूब चुके हैं, लेकिन भाजपा नीतीश सरकार द्वारा और यहां के सांसद और विधायक द्वारा भी किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं पहुंचाई जा रही है. 

ये भी बताते हैं कि उनको राघोपुर पहुंचने की जरूरत क्यों पड़ी, ‘जब मुझे राघोपुर क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने मुझे अपनी समस्या से अवगत करवाया तब मुझसे रुका नहीं गया... और, हमने खुद जाकर बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की... उन्हें राहत सामग्री और मेडिकल सहायता देने का काम किया.

तेज प्रताप ने लिखा है, सरकार और नेता बाढ़ से प्रभावित बिहार के लोगों से मिलने तक नहीं जा पा रहे हैं, राहत सामग्री और अन्य मेडिकल सहायता प्रदान करना तो बहुत दूर की बात है... ऐसी निकम्मी और कोमा में जा चुकी सरकार को इस बार उखाड़ फेंकना है... तभी बिहार से पलायन और बाढ़ जैसी आपदा को रोका सकता है.

लोगों के बीच सामान बांटते समय शोर मचने पर तेज प्रताप उनसे कहते हैं, ‘आप शांत रहिए, कैसे बांटना है हम बांट रहे हैं न... सरकार आपकी मदद नहीं कर रही है, लेकिन मैं बांट रहा हूं. सरकार आपका फेल है, और विधायक भी आपका फेल है…’

तेज प्रताप यादव करीब पांच घंटे तक राघोपुर दियारे में रहे, और लोगों को हर संभव मदद का भी भरोसा दिलाया. अपने कार्यकर्ताओं को भी तेज प्रताप ने घर घर जाकर जरूरतमंदों की मदद करने को कहा है. 

राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे क्या?

तेज प्रताप यादव पहले ही कह चुके हैं कि वो महुआ विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. फिलहाल वो हसनपुर से विधायक हैं. महुआ से तेज प्रताप ने पहला चुनाव लड़ा था, और अभी वो सीट आरजेडी के पास ही है. कुछ दिनों पहले मीडिया ने तेजस्वी यादव के महुआ और राघोपुर दोनों सीटों से चुनाव लड़ने को चर्चा पर सवाल पूछा, तो तेज प्रताप यादव ने बोल दिया, अगर तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे, तो मैं राघोपुर से चुनाव लड़ूंगा.

सवाल तो वही अब भी पूछा जा रहा है, लेकिन जवाब राजनीतिक रूप से दुरुस्त मिलता है. अब तेज प्रताप यादव कह रहे हैं, ‘फिलहाल वैसी स्थिति नहीं है... आगे देखा जाएगा.’

तेवर में बदलाव तो दोनों भाइयों में देखने को मिलता है. तेजस्वी यादव थोड़े नरम पड़े हैं, तो तेज प्रताप का लहजा धीरे धीरे सख्त होने लगा है. लेकिन, कुछ टॉपिक ऐसे भी होते हैं जिन पर दोनों हल्के फुल्के अंदाज में ही बात करते हैं. 

कुछ दिन पहले एक तेजस्वी यादव ने इंटरव्यू में बड़े भाई तेजप्रताप यादव की खूबियां गिनाई थीं, वो सब काम कर सकते हैं. पायलट भी हैं, बांसुरी भी अच्छा बजाते हैं. रील भी बना लेते हैं, और एमएलए भी हैं. भाई होने के नाते हम उनको इतना तो सही मानते हैं कि वे हमेशा परिवार को लेकर प्रोटेक्टिव रहते हैं.

और हाल ही में तेजस्वी यादव के युवाओं के साथ डांस करने पर तेज प्रताप का कहना था, 'कोई डांस कर रहा है, तो उसमें हम क्या कर सकते हैं? अगर किसी को डांस करने का मन कर रहा है, तो कोई रुक थोड़ी ही जाएगा... एक कला है... युवाओं को प्रेरणा मिलेगी... मैं भी बांसुरी बजाता हूं... हर किसी का अपना हुनर होता है.'

लेकिन, बाढ़ प्रभावितों की मदद करते हुए तेज प्रताप के तेवर बिल्कुल अलग नजर आए, ‘आपका विधायक फेल है, नाच रहा है, गा रहा है.’

बताते हैं कि पटना में एक दिन तेज प्रताप यादव युवाओं को क्रिकेट खेलते देख उनके पास पहुंच गए, और बल्ला थाम लिया. और, सवाल भी पूछ लिया,  रोजगार लेना है न? जब युवाओं ने हां कहा तो बोले, गेंद धीमा फेंको. और हंसते हुए वहां से आगे बढ़ गए. 

हाल ही में तेज प्रताप का कहना था, मैं लालू जी के आदर्शों पर चल रहा हूं... और बिहार को स्मार्ट गांवों का केंद्र बनाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ूंगा, चाहे मरना पड़े.
 

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