यूपी के मेडिकल विभाग में 'अर्पित सिंह' नाम सुर्खियों में है. इस नाम से प्रदेश के एक या दो नहीं बल्कि 6 जिलों में नौकरी कर फर्जीवाड़ा किया गया. साथ ही महीनों सैलरी लेकर सरकारी खजाने को चपत लगाई गई. दरअसल, एक व्यक्ति, जिसका नाम, पिता का नाम और पता 'अर्पित सिंह' था, वह छह अलग-अलग जिलों में सरकारी नौकरी कर रहा था. यह मामला हाल ही में सामने आया, जिसके बाद जिले दर जिले हड़कंप मच गया.
'अर्पित सिंह' बलरामपुर, फर्रुखाबाद, रामपुर, बांदा, अमरोहा और शामली में अलग-अलग आधार नंबरों का इस्तेमाल कर नौकरी कर रहा था. इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद शासन स्तर पर जांच शुरू हो गई है. पुलिस केस दर्ज कर आपराधिक जांच कर रही है. इसी बीच, रामपुर में तैनात 'अर्पित सिंह' लापता हो गया है.
रामपुर के बिलासपुर तहसील के पीएचसी में एक्स-रे टेक्नीशियन के पद पर 2016 में जॉइन करने वाले 'अर्पित सिंह' ने छह साल तक वहां नौकरी की. 2023 से वह रामपुर के टीबी विभाग में काम कर रहा था. जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ, रामपुर वाला 'अर्पित सिंह' अचानक गायब हो गया. 1 सितंबर से वह बिना बताए छुट्टी पर चला गया है और उसका या उसके परिवार का कोई भी फोन चालू नहीं है. पुलिस और चिकित्सा विभाग अब उसकी तलाश कर रहे हैं.
अधिकारियों का बयान, जांच जारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपा सिंह ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी 6 सितंबर को मिली. उन्होंने शासन को इस संबंध में सभी जानकारी उपलब्ध करा दी है और शासन स्तर से एफआईआर भी दर्ज हो गई है. डॉ. दीपा सिंह ने यह भी बताया कि 1 सितंबर से ही 'अर्पित सिंह' ड्यूटी से गायब है.
डॉ. सिंह ने कहा कि विभाग इस मामले में अपनी तरफ से भी गहन जांच कर रहा है और पुलिस को पूरा सहयोग दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक सरकार की तरफ से कोई विशेष जांच टीम बनाने का आदेश नहीं आया है.
पूरी कहानी पर रहस्य गहराया
इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. कैसे एक ही व्यक्ति 6 अलग-अलग जिलों में, अलग-अलग आधार नंबरों के साथ, सरकारी नौकरी करता रहा और किसी को पता नहीं चला? इस पूरी धोखाधड़ी में और कौन-कौन शामिल हो सकता है? फिलहाल, पुलिस और प्रशासन इस बड़े घोटाले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं.
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